अंकेक्षक प्रतिवेदन क्या है ?
Audit Report in Hindi
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Audit Report in Hindi |
अंकेक्षक प्रतिवेदन या अंकेक्षक रिपोर्ट का अर्थ (Meaning of Audit Report)
भारतीय कंपनी अधिनियम 2013 के अनुसार कंपनी के प्रबंध (Management) को कंपनी अधिनियम के अनुसार वित्तीय लेखों को तैयार करना होता है । इस तरह जब कोई कंपनी अपने वित्तीय लेखों या पुस्तकों को तैयार करती है तो इस बात का ध्यान रखती है कि वह इन पुस्तकों को तैयार करते समय गलतियों और कपट से दूर रखे । जब कंपनी के द्वारा किसी अंकेक्षक को अंकेक्षण कार्य के लिए नियुक्त किया जाता है तो उसकी ये जिम्मेदारी होती है कि वह ईमानदारी और कंपनी अधिनियम के नियमों के साथ साथ अंकेक्षण मानक (Auditing Standards) को ध्यान में रखते हुए सभी वित्तीय पुस्तकों का निरीक्षण एवं सत्यापन करे । जब कोई अंकेक्षक किसी भी संस्था के लेखों का सत्यापन कर लेता है तो वह अपनी राय के रूप में कंपनी को एक दस्तावेज सौंपता है, उसे ही अंकेक्षण प्रतिवेदन कहा जाता है ।
अंकेक्षक प्रतिवेदन की परिभाषा (Definition of Audit Report)
जोसेफ लंकास्टर के अनुसार :- प्रतिवेदन एकत्रित एवं विचारित तथ्यों का एक ऐसा विवरण है जिसे इस प्रकार तैयार किया जाता है कि उन व्यक्तियों को स्पष्ट एवं संक्षिप्त सूचनाएं प्राप्त हो जाएं जिन्हें प्रतिवेदन के विषय - सामग्री के पूर्ण तथ्यों की जानकारी नहीं होती ।
प्रतिवेदन की विशेषताएं (Characteristics of Audit Report)
1. प्रतिवेदन से ठोस एवं संक्षिप्त सूचनाएं प्राप्त होती हैं ।
2. प्रतिवेदन अंकेक्षक के द्वारा किए गए सत्यापन का संक्षित्प विवरण होता है ।
3. प्रतिवेदन पर अंकेक्षक का हस्ताक्षर होना आवश्यक है ।
4. प्रतिवेदन में अंकेक्षक केवल और केवल संस्था के संबंध में अपनी राय देता है ।
5. प्रतिवेदन में तथ्यों के साथ - साथ अंकेक्षक अपना सुझाव भी देता है यदि संस्था के नियोक्ता के द्वारा मांगा जाय तो ।
प्रतिवेदन की विषय सामग्री (Content of the Audit Report)
भारतीय कंपनी अधिनियम की धारा 143(3) के अनुसार किसी भी प्रतिवेदन की विषय सामग्री निम्न है ।
1. सूचनाएं एवं स्पष्टीकरण :- सभी आवश्यक सूचनाएं एवं स्पष्टीकरण प्राप्त हुए या नहीं ।
2. आवश्यक लेखा पुस्तकों के संबंध में :- संस्था के द्वारा आवश्यक पुस्तकें रखी गई हैं या नहीं ।
3. लाभ - हानि विवरण तथा चिट्ठा के संबंध में :- लाभ - हानि खाता भारतीय कंपनी अधिनियम की धारा 129 के अनुसार तैयार हुआ है या नहीं ।
4. शाखा अंकेक्षण के संबंध में :- शाखा के खातों के अंकेक्षण का उल्लेख ।
5. वित्तीय विवरण के संबंध में :- वित्तीय विवरण लेखांकन मानक के अनुसार तैयार किया गया है या नहीं ।
6. अवलोकन एवं टिप्पणी के संबंध में :- वित्तीय विवरणों के संबंध में अंकेक्षक को अपना अवलोकन एवं टिप्पणी देना चाहिए ।
7. खाते के रख रखाव के संबंध में :- कोई कमी हो तो स्पष्ट करना चाहिए ।
8. निदेशक की अयोग्यता के संबंध में :- यदि निदेशक में योग्यता की कमी है तो उसका उल्लेख होना चाहिए ।
9. आंतरिक वित्तीय नियंत्रण के संबंध में :- क्या कंपनी में आंतरिक वित्तीय नियंत्रण के पर्याप्त विधि प्रयुक्त है ?
अंकेक्षण प्रमाप 700 के अनुसार अंकेक्षक प्रतिवेदन के तत्व :-
1. शीर्षक (Title) :- अंकेक्षक प्रतिवेदन का एक उपयुक्त शीर्षक होना चाहिए ।
2. प्रेषिती (Addressee) :- अंकेक्षक प्रतिवेदन कंपनी की परिस्थितियों के अनुसार किसी न किसी के लिए तैयार किया जाना चाहिए । उदाहरण स्वरुप अंकेक्षक प्रतिवेदन प्रतिवेदन अंशधारियों को ध्यान में रखकर लिखा जाना चाहिए ।
3. अंकेक्षक की राय :- अंकेक्षक प्रतिवेदन में अंकेक्षक संस्था के परिप्रेक्ष्य में अपनी राय देता है ।
4. राय के आधार पर :- अंकेक्षण हमेशा अंकेक्षण मानक या अंकेक्षण प्रमाप के अनुसार होना चाहिए ।
5. सतत चलने वाली प्रक्रिया :- अंकेक्षक प्रतिवेदन सतत चलने वाली प्रक्रिया के अनुसार तैयार किया जाता है ।
6. अन्य प्रतिवेदन उत्तरदायित्व (Other Reporting Responsibilities) :- अंकेक्षक यदि आवश्यक समझता है तो अंकेक्षण प्रतिवेदन का अलग शीर्षक " अन्य कानूनी एवं वैधानिक आवश्यकताओं पर प्रतिवेदन " हो सकता है ।
7. अंकेक्षक का हस्ताक्षर (Signature of the Auditor)
8. अंकेक्षक प्रतिवेदन की तिथि
9. हस्ताक्षर का स्थान
प्रतिवेदन तैयार करते समय ध्यान देने योग्य बातें (Considerable Matters while preparing Report)
1. सरलता (Simplicity)
2. अनुच्छेद में (In Different Paragraph)
3. जरूरतमंद व्यक्ति के नाम से प्रतिवेदन (Report in the name of the person who requires)
4. संक्षिप्त (Brief)
5. निष्पक्ष (Unbiased)
6. प्रभावपूर्ण (Effective)
7. नम्रता (Politeness)
8. तिथि एवं स्थान (Date and Place)
9. महत्वपूर्ण परिणाम (Important Results)
10. सुझाव (Suggestions)
11. अंकेक्षण प्रमाप के अनुसार (According to Auditing Standards)
अंकेक्षक प्रतिवेदन के उद्देश्य (Objectives of Auditor's Report)
1. पूर्ण तथा स्पष्ट सूचना प्रदान करना (To Provide Complete and Clear cut Information)
2. सही वित्तीय स्थिति एवं लाभादाताओं की सूचना देना (To Provide information of true financial position and profitability)
3. सही आयकर के निर्धारण में सहायक होना (To be helpful in the assessment of Income Tax)
4. वस्तु एवं सेवा कर निर्धारित करने में सहायक होना (To be Helpful in determining Goods and Services Tax)
5. सच्चा एवं उचित स्थिति का स्पष्टीकरण (Clarification of True and Fair view)
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