अंकेक्षण समिति किसे कहते हैं ?
(Audit Committee in Hindi)
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Audit Committee in Hindi |
अंकेक्षण समिति का अर्थ (Meaning of Audit Committee)
अंकेक्षण समिति से आशय कंपनी के संचालकों के द्वारा बनाई गई समिति से है, जिसमें विशेष रूप से संचालक ही होते हैं । अंकेक्षण समिति में स्वतंत्र निदेशक के साथ न्यूनतम 3 संचालक होते हैं । इसमें अधिकतर स्वतंत्र निदेशक ही होते हैं । कंपनी की शासन प्रणाली सही तरीके से चले इस बात के लिए कंपनी समिति अंकेक्षण समिति के द्वारा सहभागिता दर्ज कराई जाती है ।
Meckesow and Robbins, Incorporated (Marry Land) के मुकदमे में प्रतिभूतियों एवं विनिमय आयोग ने 1941 में अंकेक्षण समितियों के निर्माण का विचार प्रस्तुत किया था ।
अंकेक्षण समिति की परिभाषा (Definition of Audit Committee)
भारतीय कंपनी अधिनियम 2013 की धारा 177 में कंपनी समिति के प्रावधानों को बताया गया है । इसके अनुसार वे सारी सार्वजनिक कंपनियां (Public Company):-
1. जिनका Paid up Capital (प्रदत्त पूंजी) 10 करोड़ या उससे अधिक हो ।
2. जिनका Aggregate Turnover (कुल कारोबार) 100 करोड़ या उससे अधिक हो ।
3. जिनका बकाया ऋण या ऋणपत्र या जमा कुल मिलाकर 50 करोड़ या उससे अधिक हों ।
इन सारी कंपनियों में अंकेक्षक (Auditor) की नियुक्ति, उसके पारिश्रमिक एवं उसकी नियुक्ति की शर्तों आदि का निर्धारण अंकेक्षण समिति के द्वारा किया जाता है । इसके साथ अंकेक्षण समिति के द्वारा अंकेक्षक के स्वतंत्र रूप से वित्तीय लेखों की जांच करने, अंकेक्षण रिपोर्ट तैयार करने आदि पर भी निगरानी की जाती है ।
अंकेक्षण समितियों के कार्य (Functions of Audit Committee)
1. वैधानिक तथा स्वतंत्र अंकेक्षण की नियुक्ति करना तथा उसके कार्य क्षेत्रों को निर्धारित करना ।
2. लेखांकन नीतियों का चुनाव एवं निर्धारण करना ।
3. उच्च स्तरीय अधिकारियों के व्यय खातों पर पुनर्विचार करना ।
4. वैधानिक तथा आंतरिक अंकेक्षक से समय - समय पर संपर्क स्थापित करना तथा उनके द्वारा निकाले गए निष्कर्ष, सुझाव एवं अन्य बातों के संबंध में विचार - विमर्श करना ।
5. निदेशक मंडल के समक्ष वित्तीय विवरण प्रस्तुत करने से पूर्व उसकी जांच करना आदि ।
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