उद्यम का प्रवर्तन किसे कहते हैं ?
Promotion of Venture in Hindi
उद्यम के प्रवर्तन का अर्थ एवं परिभाषा (Meaning & Definition of Promotion of Venture)
किसी भी उद्यम या व्यवसाय के प्रवर्तन से आशय उस उद्यम के प्रारंभ या प्रारंभ की प्रक्रिया से है । जिसके अंतर्गत किसी भी उद्यम के लिए उद्यमी के विचारों के अनुरूप अवसरों का चयन करना, उसकी प्रकृति का चयन करना, योजना बनाना तथा उसे अस्तित्व में लाने के लिए पूंजी, संपत्ति और प्रबंधकीय कौशल को संयोजित किया जाता है । जो व्यक्ति ये सभी कार्य करता है वह प्रवर्तक कहा जाता है ।
1. प्रोफेसर ई. एस. मीड. के अनुसार :- प्रवर्तन में चार तत्व निहित हैं :- खोज, जाँच (अन्वेषण), एकत्रीकरण तथा वित्त ।
2. सी. डबल्यू. गेर्स्टनबर्ग के अनुसार :- प्रवर्तन से आशय व्यापार संबंधी सुअवसरों की खोज करने और तत्पश्चात उनसे लाभ प्राप्त करने के उद्देश्य से पूंजी, संपत्ति और प्रबंधकीय योग्यता को व्यवसायिक संस्था के रूप में संगठित करने से है ।
प्रवर्तन के लक्षण अथवा तत्व ( Characterstics of Elements of Promotion)
1. व्यवसाय का प्रारंभ ।
2. विचार (Idea) के अनुसार उद्यम की स्थापना ।
3. उद्यमी ही नए विचारों की खोज करता है तथा उसके आधार पर जोखिम लेता है ।
4. प्रवर्तन उद्यम या व्यवसाय निर्माण की प्रक्रिया है ।
5. उद्यम के प्रवर्तन में व्यवसाय के निर्माण की विभिन्न प्रक्रियाओं का व्यवसाय की स्थापना के लिए समन्वय एवं एकत्रीकरण किया जाता है ।
6. उद्यम के प्रवर्तन में प्रवर्तन करने वाला व्यक्ति प्रवर्तक कहलाता है ।
उद्यम के प्रवर्तन की प्रक्रिया (Venture Promotion Process)
1. अवसरों की खोज करना (Identification of Opportunities)
2. अवसरों का विश्लेषण (Opportunities Analysis)
3. प्रारंभिक तैयारियां (Doing Preliminary Preparations)
4. व्यवसायिक योजना का निर्माण (Formulation of Business Plan)
5. उपक्रम संरचना का निर्माण (Building Venture Structure)
6. वित्तीय व्यवस्था (Arranging Finance)
7. उपक्रम का प्रारंभ (Commencement of Enterprise)
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