उद्यमिता का महत्व
(Importance of Entrepreneurship in Hindi)
किसी भी देश की अर्थव्यस्था में उद्यमिता का प्रमुख महत्व होता है क्योंकि उद्यमिता के बिना वे सारे तकनीक, विचार, संसाधन व्यर्थ हैं जिनसे उत्पादन होना सुनिश्चित है । इसलिए उद्यमिता को आर्थिक विकास का मूलाधार भी कहा जाता है । विकसित देश जैसे अमेरिका, रूस, इंग्लैंड आदि उद्यमिता के आधार पर ही आज वर्तमान समय में विकसित देशों की श्रेणी में हैं । भारत जैसे विकासशील देश की बात की जाय तो यह भी उद्यमिता के आधार पर ही विकास की सीधी चढ़ रहा है । उद्यमिता के विकास से ही देश में गरीबी, भूखमरी, बेरोजगारी, निम्न जीवन स्तर जैसी भयानक विपदाओं से छुटकारा पाया जा सकता है । उद्यमिता के बारे में येल ब्रोजल कहते हैं कि उद्यमिता आर्थिक विकास का अनिवार्य अंग है ।
उद्यमिता के महत्व को समझते हुए निम्न बिंदुओं को समझा जा सकता है ।
1. तीव्र आर्थिक विकास (Rapid Economic Growth)
2. नवाचारों को प्रोत्साहन (Promote Innovation)
3. संसाधनों का अनुकूलतम प्रयोग (Optimum Utilisation of Resources)
4. आधुनिक विकास का चक्र (Pivot of Modern Economic Development)
5. नवीन बाजारों की खोज एवं विकास (Search and Development of New Market)
6. आत्मनिर्भर समाज की स्थापना (Establishment of Self Sufficient Society)
7. पूंजी निर्माण में योगदान (Promotes Capital Formation)
8. रोजगार सृजन (Employment Creation)
9. सफल इकाइयों की स्थापना (Establishment of Variable Units)
10. सामाजिक परिवर्तनों का उपकरण (Tools of Social Changes)
© ASHISH COMMERCE CLASSES
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