हरण किए गए अंशों का पुनर्निर्गमन किसे कहते हैं ?
Reissue of Forfeited Shares in Hindi
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Haran kiye gaye anshon ka punarnirgaman |
जब्त/हरण किए गए अंशों के पुनर्निर्गमन का अर्थ :- Meaning of Reissue of Forfeited Shares in Hindi
जब कंपनी अंश निर्गमित करती है, तो आवेदन पर सभी अंशपत्रधारियों को कंपनी के द्वारा अंश के बदले धन को देना होता है । लेकिन जब अंशपत्रधारी कंपनी के द्वारा याचित याचना राशि को पूर्ण रूप से नहीं दे पाते तो कंपनी उनके द्वारा जमा किए गए धन को जब्त कर लेती है और उनके दिए गए अंशों का हरण कर लेती है । जब कंपनी अंशों को जब्त कर लेती है तो ये अंश कंपनी के हो जाते हैं ।
कंपनी के संचालकों को पार्षद अंतर्नियम के प्रावधानों के अनुसार जब्त किए गए अंशों को पुनः निर्गमित करने का अधिकार होता है ।
जब्त अंशों को पुनर्निर्गमन करने का प्रावधान (Provision of Reissue of Forfeited Shares)
कंपनी के द्वारा जब्त किए गए अंशों को पुनः निर्गमित करने के निम्न प्रावधान हैं :-
(1) यदि जब्त किए गए अंश मूलतः सममूल्य पर निर्गमित थे तो इन्हें कटौती पर पुनः निर्गमित कर सकते हैं । इस स्थिति में यह कटौती जब्त की गई राशि से अधिक नहीं होनी चाहिए । ऐसी कटौती को Forfeited Share Account में डेबिट किया जाता है ।
Example :-
यदि ₹10 के अंश को ₹6 पर जब्त नहीं किया गया है, तो उसे ₹6 से अधिक कटौती पर पुनः निर्गमित नहीं किया जाना चाहिए ।
2. यदि जब्त किए गए अंश मूलतः प्रीमियम पर निर्गमित थे तो इसके पुनः निर्गमन पर इनकी प्राप्ति का लेखा होगा । वे अंश जो कि पूर्व में प्रीमियम पर निर्गमित थे, उनको छूट पर जारी नहीं किया जा सकता है । इसी स्थिति में Forfeited Share Account को डेबिट कर दिया जाता है ।
3. Forfeited Share Account का क्रेडिट शेष पूंजीगत लाभ (Capital Profit) है । इस कारण इसका शेष पूंजी संचय खाता (Capital Reserve Account) में हस्तांतरित किया जाता है ।
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