अंशों का हरण या जब्तीकरण किसे कहते हैं ? Forfeiture of Shares in Hindi

अंशों का हरण या जब्तीकरण किसे कहते हैं ?
 Forfeiture of Shares in Hindi 

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अंशों के हरण या जब्तीकरण का अर्थ :- Meaning of  Forfeiture of Shares in Hindi 

 जब कंपनी अंश निर्गमित करती है, तो आवेदन पर सभी अंशपत्रधारियों को कंपनी के द्वारा अंश के बदले धन को देना होता है । लेकिन जब अंशपत्रधारी कंपनी के द्वारा याचित याचना राशि को पूर्ण रूप से नहीं दे पाते तो कंपनी उनके द्वारा जमा किए गए धन को जब्त कर लेती है और उनके दिए गए अंशों का हरण कर लेती है । इस स्थिति या प्रक्रिया को अंशों का हरण या जब्तीकरण कहते हैं ।


अंशों को हरण करने की प्रक्रिया (Procedure of Forfeiture of Share)


अंशों को जब्त करने के संबंध में कंपनी अधिनियम 2013 की Table F के 28 से 34 प्रावधानों के अनुसार निम्न विधान हैं :-

1. यदि कोई सदस्य अंशों पर किसी निर्धारित तिथि पर किसी याचना या याचना की किस्त का भुगतान करने में असफल रहता है, तो उसके पश्चात संचालक मंडल उसे एक नोटिस दे सकता है । जिसमें न चुकाई है याचना के भुगतान करने के लिए कहा जाता है तथा इस पर अर्जित ब्याज के भुगतान को भी जोड़ा जाता है ।
2. नोटिस में एक तिथि दी जाती है और यह कहा जाता है, कि इस तिथि का भुगतान न होने पर संबंधित अंशों का हरण कर दिया जा सकता है ।
3. यदि संचालक मंडल के द्वारा भेजी गई नोटिस पर कोई प्रतिक्रिया नहीं मिलती है, तो संचालक मंडल के प्रस्ताव पर अंशों का हरण कर लिया जाता है ।
4. हरण किए गए अंशों को संचालक मंडल द्वारा समझी जाने वाली उपयुक्त शर्तों के आधार पर बेचा या निपटारा किया जा सकता है । विक्रय से पूर्व संचालक मंडल उन शर्तों पर हरण को निरस्त कर सकता है, जिन्हें वह उपयुक्त समझे ।
5. उस व्यक्ति, जिसके अंश हरण किए जाते हैं, उसके हरण किए गए अंशों के संबंध में कंपनी की सदस्यता समाप्त हो जाती है । लेकिन हरण किए गए अंशों पर बकाया राशि के संबंध में उसका दायित्व उस समय तक बना रहता है, जब तक कंपनी को वह राशि प्राप्त न हो जाए ।



अंशों के हरण के प्रभाव (Effects of Forfeiture of Shares)


 अंशों की जब्ती के निम्न प्रभाव हैं :-

1. चूक करने वाले अंशधारियों का नाम सदस्यों के रजिस्टर से हटा दिया जाता है और उनके द्वारा दी गई राशि जब्त कर ली जाती है ।
2. चूक करने वाले अंशधारीगण अंशों में अपना अधिकार खो देते हैं और कंपनी के अंशधारी नहीं रहते हैं ।
3. अंशों को रद्द कर दिया जाता है और अंशों को रद्द करने की सीमा तक अंश पूंजी में कमी आ जाती है, लेकिन अंशधारियों के द्वारा दी गई राशि वापस नहीं कर सकने पर उसे जब्त कर लिया जाता है । 
4. अंशों की जब्ती का Journal Entries के समय अंशों पर मांगी गई राशि (Called up amount of shares) से Share Capital Account को डेबिट किया जाता है । जब्त किए अंशों पर प्राप्त राशि से Forfeiture Share Account को क्रेडिट किया जाता है , क्योंकि यह कंपनी के लिए पूंजीगत आय है । Calls in Arrears Account को भी क्रेडिट करके बंद कर दिया जाता है ।

लेखांकन व्यवहार (Accounting Treatment)


कंपनी अपने अंशों को सम्मूल्य पर, प्रीमियम पर या कटौती पर निर्गमित करती है । ऐसी स्थिति में जब्त किए गए अंश इनमें से किसी भी श्रेणी के हो सकते हैं । अंतः इनके लिए पृथक पृथक निम्न Journal Entries की जाती हैं :-


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