स्वतंत्र निदेशक किसे कहते हैं ?
(Independent Director in Hindi)
Independent Director in Hindi - Swatantra Nideshak kuan hai |
स्वतंत्र निदेशक 149(1) (Independent Director in Hindi)
कम्पनी की दशा में स्वतंत्र निदेशक वह निदेशक है, जो प्रबंधकीय निदेशक, या पूर्णकालिक निदेशक या नामित निदेशक नहीं है ।
स्वतंत्र निदेशक एक गैर - कार्यकारी निदेशक है, जो कम्पनी के साथ किसी भी प्रकार का ऐसा संबंध नहीं रखता, जो उसके स्वतंत न्याय को प्रभावित करे ।
स्वतंत्र निदेशक वह निदेशक है, जो पिछले दो सालों में कम्पनी का हिस्सेदार या कार्यकारी निदेशक न हो या अंकेक्षक, अधिवक्ता या परामर्शकर्ता न हो या जो कंपनी का 2% या उससे अधिक का अंश न धारण करता हो ।
स्वतंत्र निदेशक की नियुक्ति (Appointment of Director in Hindi)
स्वतंत्र निदेशकों की नियुक्ति किस प्रकार से होगी ? उनकी नियुक्ति की क्या - क्या शर्ते हैं ? इन सबका वर्णन कंपनी अधिनियम की धारा 149 में किया गया है । जो इस प्रकार से है ....
1. सभी सूचीबद्ध कम्पनियों की दशा में कुल निदेशकों के 1/3rd निदेशक स्वतंत्र निदेशक होने चाहिए । उस एक तिहाई निदेशकों में निहित किसी भी अंश को एक के रूप में पूर्णांकित किया जाएगा ।
2. गैर - सूचीबद्ध कम्पनियों की दशा में स्वतंत्र निदेशकों की नियुक्ति केन्द्र सरकार की सलाह पर होगी ।
निदेशकों की नियुक्ति एवं योग्यता नियम 2014 के नियम 4 के अनुसार गैर सूचीबद्ध सार्वजनिक कंपनियां 2 स्वतंत्र निदेशक रख सकती हैं ।
इस स्थिति में निम्न बातों का ध्यान रखा जाएगा ।
1. प्रदत्त पूंजी ₹10 करोड़ या उससे अधिक हो ।
2. कुल बिक्री ₹100 करोड़ या उससे अधिक हो ।
3. बकाया ऋण, ऋणपत्र, जमा आदि मिलाकर ₹50 करोड़ या उससे अधिक हो ।
स्वतंत्र निदेशक की भूमिका :- Role of Independent Director in Hindi
स्वतंत्र निदेशक कंपनी के लिए मार्गदर्शक के रूप में कार्य करता है । कम्पनी के स्वतंत्र न्यायिक संचालन में स्वतंत्र निदेशक अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है । स्वतंत्र निदेशक की कंपनी के संदर्भ में निम्न महत्वपूर्ण भूमिकाएं होती हैं ।
1. कम्पनी के सफल नियोजन प्रक्रिया में सहायक ।
2. जोखिम प्रबंधन, कंपनी की नियुक्तियों सहित अन्य मुद्दों पर निदेशक मंडल से विचार विमर्श कर उन्हें स्वतंत्र रूप से उचित सलाह देना ।
3. अंशधारियों के हितों की रक्षा ।
4. कम्पनी के उद्देश्यों के आधार पर निदेशक मंडल की बैठकों में स्वतंत्र रूप से बैठकों की निगरानी करना एवं सहमति देना ।
5. कार्यकारी निदेशकों, प्रमुख प्रबंधकीय कर्मियों एवं वरिष्ठ प्रबंधकों के पारिश्रमिक के निर्धारण में अहम भूमिका ।
स्वतंत्र निदेशकों के कर्तव्य (Rights of Independent Director In Hindi)
1. कम्पनी की सामान्य सभा में शामिल होना ।
2. निदेशक मंडल की बैठकों में सदस्य के रूप में शामिल होना ।
3. कम्पनी की कार्यवाहियों की समुचित जानकारी रखना ।
4. कम्पनी के कर्मचारियों के अनैतिक व्यवहार, वास्तविक या संदिग्ध धोखाधड़ी एवं आचार संहिता के अनुपालन संबंधी गतिविधियों का ध्यान रखना एवं उसकी रिपोर्ट देना ।
5. अपने अधिकारों के अधीन कार्य करते हुए अंशधारियों एवं कर्मचारियों के हितों की रक्षा करना ।
कौन स्वतंत्र निदेशक नहीं हो सकता ?
1. जो कंपनी की सूत्रधारी कंपनी, सहायक कम्पनी एवं सहयोगी कंपनियों में प्रवर्तक हो ।
2. जिसका कंपनी की सूत्रधारी कंपनी, सहायक कम्पनी एवं सहयोगी कंपनियों के साथ पिछले दो वर्षों में या वर्तमान सत्र में धन संबंधी व्यवहार या संबंध हो ।
3. वह व्यक्ति जिसके रिश्तेदारों का भी यदि किसी तरह से कंपनी के साथ या कंपनी की सूत्रधारी कंपनी, सहायक कम्पनी एवं सहयोगी कंपनियों के साथ धन संबंधी व्यवहार हो, तो भी वह कंपनी का स्वतंत्र निदेशक नहीं बन सकता ।
4. जो कंपनी में पहले से ही किसी प्रबंधकीय पद पर हो या फिर उस कंपनी के सूत्रधारी कंपनी, सहायक कम्पनी एवं सहयोगी कंपनियों में ।
5. जो कंपनी का कर्मचारी हो या फिर जिसके रिश्तेदार कंपनी के कर्मचारी हों ।
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