वार्षिक साधारण सभा किसे कहते हैं ?
(Annual General Meetings) Sec 96
Annual General Meeting of Company in Hindi |
1. वार्षिक साधारण सभा (Annual General Meetings) Sec 96
1. वार्षिक साधारण सभा (Annual General Meetings) Sec 96 :- भारतीय कम्पनी अधिनियम की धारा 96(1) के अनुसार हर निजी और सार्वजनिक कंपनी वर्ष में एक बार साधारण सभा का आयोजन करने की अनुमति है । अधिनियम के अनुसार दो वार्षिक सभाओं के मध्य 15 महीने से अधिक समय का अंतराल नहीं होना चाहिए । वार्षिक सभा के संदर्भ में सभा के आयोजन की जानकारी सभी सदस्यों को सभा के 21 दिन पहले ही दे दी जाएगी ।
वार्षिक साधारण सभा का आयोजन (Holding of Annual General Meetings)
1. वार्षिक साधारण सभाओं का आयोजन वर्ष में एक बार होना चाहिए ।
2. 2. कम्पनी की पहली सभा कंपनी के पहले वित्तीय वर्ष के 9 महीने के अंदर होने चाहिए । यहां पर ये जरूरी नहीं है, कि कंपनी की पहली सभा कंपनी के निगमन के वर्ष भर के भीतर ही हो ।
3. 3. दूसरी वार्षिक सभा वर्ष की समाप्ति से 6 महीनें के अंदर होनी चाहिए ।
4. 4. वार्षिक सभाओं के मध्य 15 महीने से अधिक समय का अंतराल नहीं होना चाहिए ।
वार्षिक साधारण सभा की समय सीमा को बढ़ाना :- Extension of Validity period of AGM
यदि किसी कारण वश कंपनी निर्धारित समय में सभा का आयोजन नहीं कर पाती है, तो रजिस्ट्रार किसी विशेष कारण के होने पर उस समय तक सभा को स्थगित कर सकता है, जब सभा का आयोजन होना है । प्रथम वार्षिक सभा के आयोजन के समय रजिस्ट्रार के द्वारा सभा को स्थगित नहीं किया जा सकता ।
वार्षिक साधारण सभा के आयोजन का समय व स्थान :-
कम्पनी अधिनियम की धारा 96(2) के अनुसार हर सभा केवल व्यवसायिक घंटों (सुबह 9 बजे से शाम 6 बजे तक) राष्ट्रीय छुट्टियों को छोड़कर किसी भी दिन बुलाई जा सकती है ।
कम्पनी की साधारण सभा या तो पंजीकृत कार्यालय पर होगी या फिर जहां पंजीकृत कार्यालय है उसके ही किसी शहर, कस्बे या फिर किसी गांव में हो सकती है ।
(सरकारी कंपनी के संदर्भ में इसके अलावा सरकार जहां अनुमति देगी वहां सभा का आयोजन होगा ।)
गैर सूचीबद्ध कम्पनियों की दशा में वार्षिक साधारण सभा पूरे भारत में कहीं भी सभी सदस्यों द्वारा लिखित या इलेक्ट्रॉनिक मोड में स्वतंत्र रूप से कराई जा सकती है ।
(केन्द्र सरकार इस प्रावधान पर छूट दे सकती है ।)
राष्ट्रीय छुट्टियाँ :- राष्ट्रीय छुट्टियों से तात्पर्य उन छुट्टियों से है, जो केन्द्र या राज्य सरकारों के द्वारा घोषित है ।
वार्षिक सभा बुलाने के संदर्भ में ट्रिब्यूनल की शक्तियां :- (Sec 97)
कम्पनी अधिनियम की धारा 96 के अंतर्गत अगर कोई कंपनी वार्षिक सभा आयोजन नहीं करती है, तो इस स्थिति में जब कोई सदस्य ट्रिब्यूनल से सभा न बुलाने की शिकायत करता है, तो ट्रिब्यूनल सभा बुला सकती है या बुलवा सकती है ।
(सभा बुलवाने से संदर्भ में ट्रिब्यूनल के द्वारा Director को सभा बुलाने का निर्देश दिया जाता है ।)
चूंकि सभा ट्रिब्यूनल के द्वारा बुलाई जा रही है, तो यदि स्थिति में कोई एक व्यक्ति भी सभा में शामिल हो जाए, चाहे वह व्यक्ति किसी सदस्य का प्रतिनिधि (Proxy) ही क्यों न हो, सभा करानी पड़ेगी ।
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