भारतीय रिज़र्व बैंक से आप क्या समझते हैं ?
Reserve Bank of India in Hindi
Reserve Bank se aap kya samajhte-hai |
भारतीय रिज़र्व बैंक का परिचय :- Introduction of Reserve Bank in Hindi
भरतीय रिज़र्व बैंक भारत का केंद्रीय बैंक है । इसे बैंकों का बैंक भी कहा जाता है । मौद्रिक नीति का निर्धारण करना, सभी बैंकों पर नियंत्रण रखना, विदेशी विनिमय पर नियंत्रण रखना इसके प्रमुख कार्यों में सम्मिलित है ।
भारतीय रिज़र्व बैंक की स्थापना कैसे हुई ? Establishment Of Resever Bank Of India
अंग्रेजी शासन से समय भारत में किसी भी केंद्रीय बैंक के न होने से इसकी स्थापना से पहले कई प्रकार के बैंक पूर्णतः दिवालिया हो गए । जिस कारण भारत में बैंकिंग व्यवस्था को स्थिति बहुत ही दयनीय हो गयी थी । इस स्थिति में देश में एक केंद्रीय बैंक की आवश्यकता थी । अतः केंद्रीय बैंक के निर्माण हेतु निम्न कदम उठाये गए ।
भारतीय रिज़र्व बैंक की स्थापना को हम निम्न चरणों में समझ सकते हैं ।
1. प्रथम चरण (1926):- इस साल अंग्रेजी सरकार के शासनकाल में रॉयल कमीशन के नेतृत्व में हिल्टॉन एंड कमीशन का गठन हुआ तथा भारत में वित्तीय स्थिति पर नियंत्रण करने हेतु केंद्रीय बैंक का प्रस्ताव रखा गया ।
2. द्वितीय चरण (1927) :- केंद्रीय बैंक हेतु एक बिल संसद में पेश किया गया, परन्तु किन्ही कारणों वश यह बिल प्रस्तावित नहीं हो पाया ।
3. तृतीय चरण (1933 ):- केंद्रीय बैंक के गठन हेतु पुनः एक नया बिल संसद में पेश किया गया ।
4. चतुर्थ चरण (1934) :- संसद में बिल पास हो गया तथा इसे गवर्नर की संस्तुति मिल गयी ।
5. पंचम चरण (1935):- केंद्रीय बैंक के रूप में रिज़र्व बैंक की स्थापना 1 अप्रैल 1935 को व्यक्तिगत अंश पूंजी के रूप में 50 करोड़ से हुई ।
भारतीय रिज़र्व बैंक के उद्देश्य :- Objectives of Reserve Bank of India in Hindi
भारतीय रिज़र्व बैंक की स्थापना के निम्न उद्देश्य हैं ।
👉 मुद्रा बाजार में संतुलन बनाए रखना ।
👉 विदेशी विनिमय पर नियंत्रण रखना ।
👉 नकद कोषों का निर्धारण ।
👉 मौद्रिक-नीतियों का समाकलन करना ।
👉 बैंकों की स्थापना ।
👉 साख -नियंत्रण ।
👉 सरकार का वित्तीय सलाहकार ।
भारतीय रिज़र्व बैंक के कार्य :- Functions of Reserve Bank of India in Hindi
केंद्रीय बैंक होने के नाते रिज़र्व बैंक के निम्न कार्य हैं ।
👉 मौद्रिक नीति का निर्धारण करना ।
👉 बैंकिंग तथा गैर-बैंकिंग संस्थाओं का संचालन तथा नियंत्रण ।
👉 सभी बैंकों को ऋण देना ।
👉 सरकार का बैंकर ।
👉 मुद्रा प्रबंधन करना ।
👉 नोट छापना ।
👉 विदेशी-विनिमय की स्थितियों को प्रबंधित करना |
👉 बैंकों के लिए निश्चित अनुपातिक कोष का निर्धारण करना ।
👉 बैंकिंग आँकड़े प्रस्तुत करना ।
👉 ऋण प्रबंधन ।
👉 विकास कार्य ।
निष्कर्ष :-
भारतीय रिज़र्व बैंक भारत की अर्थव्यस्था को सुदृढ़ बनाने में अपना महत्वपूर्ण स्थान रखता है । इसे बैंकों का बैंक भी कहा जाता है, क्योकि यह सभी प्रकार के बैंकों को वित्तीय सलाह तथा मौद्रिक सहायता प्रदान करता है, और यह आश्वासन देता है, कि बैंको को दिवालिया होने से बचायेगा ।
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