पूंजी लाभ से आय - पूंजी लाभ के प्रकार (लघु अवधि पूंजी लाभ, दीर्घकालिक पूंजी लाभ)

पूंजी लाभ से आय [Income From Capital gain]

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पूंजी लाभ से आय [Income From Capital gain in Hindi]

Note :- यह लेख पूर्ण रूप से Finance Act 2021 के अनुसार संशोधित है। सभी पाठक  एवं विद्यार्थी बेझिझक इस प्रयोग अपने पठन पाठन में कर सकते हैं। 


पूंजी लाभ से आय का परिचय एवं अर्थ  :- Introduction & Meaning of Income from Capital Gain   


पूंजी लाभ से तात्पर्य उस लाभ से है, जो पूंजीगत संपत्तियों के हस्तांतरण से प्राप्त होता है | जब किसी संपत्ति ( जमीन जायदाद, अंश, बांड आदि ) को किसी व्यक्ति संस्था या कंपनी के द्वारा किसी दूसरे व्यक्ति, संस्था और कंपनी को हस्तांतरित ( transfer ) किया जाता है, तब उस स्थिति में पूंजी लाभ ( Capital Gain ) होता है, जो भारतीय आयकर अधिनियम के कर के दायरे में आता है |

अधिनियम की धारा 45 के अनुसार :- पूंजीगत परिसंपत्तियों के हस्तांतरण से प्राप्त लाभ पूंजी लाभ कहलाता है | कर निर्धारण वर्ष के पिछले साल में हुए लाभ को पूंजीगत लाभ में शामिल किया जाता है |

अधिनियम के द्वारा दी गई परिभाषाओं में दो चर्चाएं प्रमुख हैं |
1. पूंजीगत परिसंपत्तियां
2. पूंजीगत परिसंपत्तियों का हस्तांतरण

अतः संक्षेप में समझा जा सकता है, कि पूंजीगत संपत्तियों के हस्तांतरण से प्राप्त आय या लाभ पूंजी लाभ है |


पूंजीगत संपत्तियां (Capital Assets)


पूंजीगत संपत्तियों से तात्पर्य उन संपत्तियों से है, जो पूंजी लाभ को उत्सर्जित करती हैं |

आयकर अधिनियम की धारा 2(14) के अनुसार :- पूंजीगत परिसंपत्तियों से तात्पर्य है :-

1. किसी भी प्रकार की संपत्ति जो किसी कर निर्धारिती (Assessee) के कब्जे में हो,       चाहे उस संपत्ति का संबंध व्यवसाय या पेशे से हो या ना हो |

2. कोई भी प्रतिभूतियां ( Securities ) जो किसी विदेशी संस्थागत निवेशक के पास हो |

लेकिन पूंजीगत परिसंपत्तियों में शामिल नही हैं .....

1. बिक्री माल ( चाहे वह कच्चा माल हो, अर्धनिर्मित उत्पाद (Stock in Trade) हो, या     पूर्णतः निर्मित उत्पाद हो |

2. चल संपत्ति ( व्यक्तिगत या निजी उपयोग में आने वाली संपत्तियां जो कर निर्धारिती या   उसके किसी परिवार के किसी सदस्य के द्वारा इस्तेमाल किया जा रहा हो | 

लेकिन :- गहनें, पेंटिंग, मूर्तियां, पुरातत्व संग्रहण सहित वे सभी जो किसी विशेष कला के द्वारा उत्पादित होती हैं, वे सभी पूँजीगति परिसम्पत्तियों में शामिल हैं।

3. भारत में स्थित खेती योग्य भूमि

4. स्वर्ण जमा बॉन्ड :- स्वर्ण जमा योजना 1999 और स्वर्ण मुद्रीकरण योजना 2015 के अंतर्गत जारी किए गए जमा प्रमाणपत्र और केंद्र सरकार के द्वारा अधिसूचित स्वर्ण मुद्रीकरण योजना 2018.

5. केंद्र सरकार के द्वारा जारी किए गए विशिष्ट वाहक बॉन्ड 1991.

6. विशिष्ट स्वर्ण बॉन्ड :- केन्द्र सरकार के द्वारा जारी किए 6 1/2% स्वर्ण बॉन्ड 1977 या 7% स्वर्ण बॉन्ड 1980 या राष्ट्रीय सुरक्षा स्वर्ण बॉन्ड 1980.

पूंजी लाभ के प्रकार :- Types of Capital Gain in Hindi


1.लघु अवधि पूंजी लाभ:- Short term Capital Gain

भारतीय आयकर अधिनियम की धारा 2(42A) के अनुसार :- लघु अवधि पूंजी लाभ से तात्पर्य उस लाभ से है, जो हस्तांतरण दिनांक से 36 महीने से कम अवधि का हो |

2.दीर्घकालिक पूंजी लाभ :- Long term Capital Gain 

भारतीय आयकर अधिनियम की धारा 2(42A) के अनुसार :- दीर्घकालिक पूंजी लाभ से तात्पर्य उस लाभ से है, जो किसी लघु अवधि पूंजी लाभ नहीं है |

साधारण शब्दों में :- वह संपत्ति जिसकी अवधि 36 महीने से अधिक अवधि की होती है उसे दीर्घकालिक पूंजी लाभ कहते हैं |


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