सामग्री क्षति नियंत्रण क्या है ? Samagri kshati niyantran kya hai

सामग्री क्षति नियंत्रण क्या है ?
What is Material Loss Control ?


इस लेख के महत्वपूर्ण बिन्दु या प्रश्न ..

1. सामग्री क्षति नियंत्रण का परिचय
2. सामग्री क्षति नियंत्रण की परिभाषा
3. सामग्री क्षति नियंत्रण के उद्देश्य
4. सामग्री क्षति नियंत्रण के प्रकार

1.सामग्री क्षति नियंत्रण का परिचय :- INTRODUCTION OF MATERIAL LOSS CONTROL

सामग्री क्रय से लेकर उत्पाद के निर्माण तक बहुत तरीकों से क्षति होती है, जिससे व्यवसाय प्रभावित होता है | अतः सामग्री की क्षति का विश्लेषण भी बहुत आवश्यक है |

सामग्री का वह भाग, जो उत्पादन के दौरान उत्पादन प्रक्रिया में नष्ट हो जाता है उसे क्षय कहा जाता है |जिससे व्यवसाय को कुछ भी प्राप्त नहीं होता है | 


2. सामग्री क्षति नियंत्रण की परिभाषा :-DEFINITION OF MATERIAL LOSS CONTROL

"सामग्री के क्षति संबंधी विश्लेषण एवं उसके प्रक्रियाओं पर निगरानी कर उसका लागत की पुस्तकों में दर्ज करना सामग्री क्षति नियंत्रण कहलाता है |"

उदाहरण :- उत्पादन के दौरान सामग्री के वजन में कमी, सामग्री का वाष्पीकरण आदि | 

4.सामग्री क्षय नियंत्रण के प्रकार :- TYPES OF MATERIAL LOSS CONTROL

1. क्षय :- Waste
2. अवशेष :- Scrap
3. विनाश :- Spoilage
4. दोषपूर्णता :- Defectives

1. क्षय :- Waste

1. सामान्य क्षय नियंत्रण :- Normal Waste Control
2. असामान्य क्षय नियंत्रण :- Abnormal Waste Control


सामान्य क्षय नियंत्रण :- 

सामान्य क्षय, वह क्षय है, जिसको उत्पादन की प्रक्रिया में विशेष कार्य कुशलता एवं कार्य क्षमता के बल पर कम किया जा सकता है | 

असामान्य क्षय नियंत्रण :- 

उत्पादन की प्रक्रिया में उत्पादनकर्ता की लापरवाही एवं अकुशल कार्यक्षमता के फल स्वरुप होने वाला क्षय असाधारण क्षय कहलाता है | 
इसको उत्पादन लागत का अंग नहीं माना जाता | इसलिए इस क्षति को लाभ हानि खाते में हस्तांतरित कर दिया जाता है |

2. अवशेष :- Scrap

उत्पादन प्रक्रिया में उत्पादित वस्तु का जो भाग अंतिम उत्पाद बनाते बनाते समय (विक्रय योग्य बनाते समय) अलग हो जाता है, उसे अवशेष कहते हैं | 
अंतिम उत्पाद अवशेष निकलने के कारण वस्तु की लागत बढ़ जाती है | 

3. विनाश :- Spoilage

विकृत सामग्री का वह क्षतिग्रस्त सामग्री है, जो उत्पादन की निर्माण प्रक्रिया से निष्कासित किया जाता है |  जिसे किसी भी दशा में सुधारा नहीं जा सकता या प्रयोग में नहीं लाया जा सकता | 

4. दोषपूर्णता :- Defectives


दोष युक्त माल या सामग्री वह सामग्री है जो निर्माण प्रक्रिया के दौरान अर्ध निर्मित रह जाती है या फिर उसमें इसी तरह का दोष रह जाता है दोष युक्त माल को पुनः उत्पादन के दौरान सुधारा जा सकता है |


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