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What is RERA ? Commencement, Objectives & Features of RERA. |
रेरा अधिनियम 2016 का परिचय :- Introduction of RERA Act. 2016
रेरा एक्ट की स्थापना कैसे हुई ? Commencement of RERA Act. 2016
2. रेरा बिल N.D.A सरकार में क्रमशः 10 मार्च 2016 को राज्यसभा तथा 15 मार्च 2016 को लोकसभा में पारित हुआ।
3. यह अधिनियम 1 मई 2016 को 92 में से 59 धाराओं के साथ जम्मू एवं कश्मीर को छोड़कर पूरे देश में समान रूप से लागू किया गया।
रेरा एक्ट के उद्द्देश्य :- Objectives of RERA Act. 2016
इस अधिनियम से पहले देश में किसी रियल एस्टेट सेक्टर में किसी विशेष कानून के न होनें से घर तथा फ्लैट खरीददारों को दलालों तथा बिल्डरों के द्वारा की जा रही धांधली का सामना करना पड़ता था। अतः इन्ही सभी समस्याओं के निवारण हेतु निम्न उद्द्येश्यों के साथ रेरा एक्ट की स्थापना की गयी।
1. रियल एस्टेट क्षेत्र के विनियमन और संवर्धन के लिए रियल एस्टेट नियामक प्राधिकरण की स्थापना करना।
2. परियोजनाओं में पारदर्शिता सुनिश्चित करना।
3. रियल एस्टेट सेक्टर में उपभोक्ताओं के हितो की रक्षा तथा शीघ्र विवाद निवारण हेतु एक सहायक तंत्र स्थापित करना।
4. बिल्डर के बारे में उचित जानकारी प्रदान करना।
5. उपभोक्ता तथा बिल्डर के मध्य स्वस्थ सम्बन्ध स्थापित करना।
रेरा एक्ट की विशेषताएँ :- Features of RERA Act. 2016
इस अधिनियम की प्रमुख विशेषताएँ निम्नवत हैं -
1. रेरा एक्ट किसी भी बिल्डर के ख़िलाफ़ शिकायतों के निवारण हेतु सरकारी निकाय के रूप में राज्य रियल एस्टेट नियामक प्राधिकरण की स्थापना करता है।
2. रेरा एक्ट आवासीय एवं वाणिज्यिक दोनों प्रकार की अचल सम्पत्तियों के लेन-देन को संचालित करने के लिए अचल संपत्ति नियामक पर अधिकार निहित करता है।
3. रेरा एक्ट सभी डेवेलपर्स को यह अनिवार्य रूप से निर्देश देता है कि सभी बिल्डर्स प्रोजेक्ट की योजना , प्रोजेक्ट से सम्बंधित सभी ठेकेदारों का व्योरा, भूमि की स्थिति , परियोजना के सम्बन्ध में सरकार की मंजूरी तथा परियोजना पूरी होने तक की तिथि आदि सूचनाओं को सरकारी वेब-पोर्टल पर अपने-अपने राज्यों में सबमिट करना है।
4. रेरा एक्ट के अनुसार यदि कोई डेवेलपर अपीलीय ट्रिब्यूनल के आदेशों का उल्लंघन करता है तो उसे तीन साल तक की कैद जुर्मानें के साथ या फिर बिना जुर्मानें का हो सकती है।
5. इस अधिनियम के अनुसार यदि कोई डेवेलपर परियोजना (प्रोजेक्ट) को पूरा करने में देरी करता है तो उसकी देरी की वजह से जो व्याज उपभोक्ता के द्वारा बैंक को E.M.I. के रूप में दिया जाता है, उसका भुगतान डेवेलपर को उपभोक्ता के निहित करना होगा।
6. रेरा एक्ट बताता है कि वह प्रत्येक परियोजना जो 500 स्क्वायर मीटर से ज्यादा हो या फिर आठ अपार्टमेंट से ज्यादा हो उसे रेरा के अंतर्गत पंजीकृत होना पड़ेगा।
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