लागत लेखांकन का परिचय :- INTRODUCTION OF COST ACCOUNTING
लागत लेखांकन जिसे हम परिव्यय लेखांकन भी कहते हैं जिसके नाम से ही स्पष्ट है कि यह दो शब्दों लागत और लेखांकन से मिलकर बना है जिसका अर्थ होता है लागत का लेखांकन करना। अर्थात व्यवसायिक कार्य प्रणाली में जो कुछ भी लग रहा है या जिसका उपयोग किया जा रहा है उसका लेखांकन।
उदाहरण - एक शर्ट को सिलने में दर्जी के द्वारा कपड़े, धागे, मशीन के साथ साथ अपने श्रम का लगाना।
परिभाषा - लागत लेखांकन एक ऐसी प्रक्रिया है जिसके द्वारा किसी भी वस्तु या सेवा की लागत की जाती है और अंततः उस पर यानी लागत पर नियंत्रण भी रखा जाता है।
लागत लेखांकन की क्या आवश्यकता है ? What is the importance of Cost Accounting
जब कोई व्यापारी कंपनी या कोई संस्था किसी भी वस्तु या सेवा का निर्माण करते है, तो उनके द्वारा विभिन्न प्रकार के लागत तत्वों जैसे सामग्री श्रम तथा व्यय का प्रयोग किया जाता है, निम्न वस्तु के उत्पादन में। हालांकि हर व्यावसायिक उपक्रम वित्तीय लेखांकन के द्वारा अपने व्यवसाय की स्थिति को आर्थिक चिट्ठे Balance - Sheet के माध्यम से जान लेती है। परंतु वस्तु या सेवा में खर्चों का सही रूप से पता नहीं कर पाती | क्योंकि वास्तविक लागत का पता लगाना वित्तीय लेखांकन के नियमों एवं सिद्धांतों से बाहर है।
अतः वास्तविक लागत का सटीक रूप से निर्धारण करने तथा उन पर नियंत्रण करने के लिए लागत लेखांकन पद्धति का प्रयोग किया जाता है।
विद्वानों की परिभाषा :- Definitions
१. डब्लू डब्लू बिग के अनुसार - लागत लेखांकन व्ययों का ऐसा विश्लेषण एवं वर्गीकरण है जिससे उत्पादन की किसी भी विशेष इकाई की कुल लागत शुद्धता पूर्वक ज्ञात हो सके और साथ ही साथ यह भी ज्ञात हो कि यह कुल लागत किस प्रकार से प्राप्त हुई है।
२. आई सी डब्ल्यू ए लंदन के अनुसार - उस बिंदु से जिस पर व्यय हुआ है अथवा व्यय हुआ माना गया है, लागत केंद्रों तथा लागत इकाइयों से अंतिम संबंध स्थापित करने तक की लागत का लेखा करने की प्रक्रिया को ही लागत लेखांकन कहते हैं। इसके व्यापक प्रयोग में सांख्यिकी आंकड़ों का परिकलन, लागत नियंत्रण विधियों का प्रयोग तथा कार्यान्वित एवं नियोजित क्रियाओं की लाभदायकता का निर्धारण भी सम्मिलित होता है।
लागत लेखांकन के उद्देश्य एवं कार्य - Objectives and Functions of Cost Accounting
१. लागत निर्धारण
२. विक्रय मूल्य निर्धारण करना।
३. लागत नियंत्रण।
४. स्कंध मूल्यांकन।
५. योजनाएं एवं नीति निर्धारण के लिए।
लागत लेखांकन के लाभ एवं महत्व - Benefits and Significance of Cost Accounting
जब किसी व्यवसाय में लागत लेखांकन प्रणाली अपनाई जाती है तो बहुत सारा लाभ विभिन्न लोगों को भिन्न-भिन्न क्षेत्रों में होता है |
जिसमें कुछ इस प्रकार से हैं -
१. प्रबंध एवं उत्पादक को लाभ
२. कर्मचारी को लाभ
३. ऋण दाता एवं विनियोजन को लाभ
४. उपभोक्ता को लाभ
५. राष्ट्र व सरकार को लाभ
- प्रबंधक एवं उत्पादक को लाभ - Benefits to Management and Producer
१. लागत का ज्ञान
२. उचित विक्रय मूल्य निर्धारित होना |
३. टेंडर मूल्य ज्ञात करना |
४. तुलना में सहायक |
५. लागत नियंत्रण में सहायक |
६. लाभदायक एवं हानिकारक कार्यों का ज्ञान |
७. लाभ में कमी एवं वृद्धि के कारण का ज्ञान |
८. उत्पादन के साधनों का समुचित एवं सर्वोत्तम प्रयोग |
९. वित्तीय लेखांकन के परिणामों की जांच करना |
१०. आयोजन व नीति निर्धारण में सहायक |
- कर्मचारी को लाभ - Benefits to Employees
१. योग्यता अनुसार पारिश्रमिक
२. कुशलता में वृद्धि |
३. कार्य करने में प्रेरणा |
४. योग्यता का निर्धारण |
- ऋण दाता एवं विनियोजन को लाभ - Benefits to Creditors and Investors
१. लागत का सटीक पता लगाना |
२. लागत पर नियंत्रण |
३. प्रेरणा |
४. जोखिम लेने की उत्सुकता का बढ़ना |
- उपभोक्ता को लाभ - Benefits to Customer
१. अच्छी किस्म की वस्तु एवं सेवा |
२. सस्ती कीमत पर वस्तु एवं सेवा |
३. उपभोक्ता संतुष्टि |
- राष्ट्र एवं सरकार को लाभ - Benefits to Country and Government
१. देश का आर्थिक विकास |
२. योजना निर्धारण में सहायक |
३. बजट पर नियंत्रण |
४. कर का निर्धारण |
५. आंकड़ों का प्रयोग |
- आदर्श लेखक पद्धति की विशेषताएं - Characteristics of Ideal Cost Accounting
१. सरलता
२. व्यावसायिक उद्देश्यों के अनुसार |
३. परिवर्तनशीलता
४. मितव्ययिता
५. तुलनात्मकता
६. व्ययों का उचित वर्गीकरण एवं विश्लेषण |
७. कार्य विभाजन व दायित्व निर्धारण |
८. कार्यक्षमता व लागत पर नियंत्रण |
९. शीघ्र सूचना प्रदान करने की क्षमता |
१०. वित्तीय लेखांकन से मिलान |
- लागत लेखांकन की पद्धतियां - Methods of Cost Accounting
१. इकाई अथवा उत्पादन लागत पद्धति यूनिट
२. ठेका लागत या उपकार्य लागत पद्धति |
३. प्रक्रिया लागत पद्धति |
४. समूह लागत पद्धति |
५. परिचालन लागत पद्धति |
६. विभागीय लागत पद्धति |
७. सीमांत लागत पद्धति |
८. प्रमाप लागत पद्धति |
- लागत लेखांकन की सीमाएं एवं कमियां - Limitations of Cost Accounting
१. खर्चीली पद्धति
२. गलतियों की संभावना |
३. समय की बर्बादी |
४. आंकड़ों का मिलान का |
५. दो अलग-अलग पद्धतियों के खाते बनाना जिसमें लागत एवं वित्तीय लेखांकन सम्मिलित हैं |
परीक्षा में पूछे जाने वाले कुछ महत्वपूर्ण प्रश्न :-
1. लागत किसे कहते हैं ?
2. लागत लेखांकन किसी कहते हैं ?
3. लागत के विभिन्न तत्वों को बताइए |
4. लागत लेखांकन के उद्देश्यों को समझाइए |
5. लागत लेखांकन के लाभ क्या हैं ?
6. लागत लेखांकन के विभिन्न पद्धतियों को समझाइए |
7. लागत लेखांकन तथा वित्तीय लेखांकन में क्या अंतर है ?
8. लागत लेखांकन की सीमाएं क्या हैं ?
9. लागत लेखांकन तथा प्रबंधकीय लेखांकन में क्या अंतर है ?
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