लाभ अधिकतमीकरण एवं संपत्ति अधिकतमीकरण में अंतर
(Difference between Profit Maximization & Wealth Maximization)
1. लाभ अधिकतमीकरण (Profit Maximization)
अर्थ (Meaning): किसी भी व्यवसाय का मुख्य उद्देश्य अधिक से अधिक लाभ (Profit) कमाना माना जाता है। लाभ अधिकतमीकरण का मतलब है कि कंपनी अपने निर्णय इस प्रकार ले कि उसका शुद्ध लाभ (Net Profit) अधिकतम हो।
केन्द्रबिंदु: अल्पकालिक (Short Term) लाभ।
मापदंड: कुल लाभ या प्रति शेयर लाभ (EPS – Earnings Per Share)।
उद्देश्य (Objectives)
1. उत्पादन बढ़ाना और लागत घटाना
2. अल्पकाल में अधिक से अधिक मुनाफा कमाना
सीमाएँ / कमियाँ: (Limitations/Disadvantages)
1. केवल लघुकालीन लाभ पर ध्यान देता है, दीर्घकालीन स्थिरता को नजरअंदाज करता है।
2. जोखिम और अनिश्चितता को ध्यान में नहीं रखता।
3. समय मूल्य (Time Value of Money) की अनदेखी करता है।
4. सामाजिक उत्तरदायित्व, कर्मचारियों की भलाई, ग्राहक संतोष जैसे पहलुओं पर ध्यान नहीं देता।
2. संपत्ति अधिकतमीकरण (Wealth Maximization / Value Maximization)
अर्थ(Meaning): किसी कंपनी का अंतिम उद्देश्य केवल लाभ बढ़ाना नहीं, बल्कि मालिकों (शेयरधारकों) की संपत्ति या कंपनी के कुल मूल्य (Value of Firm) को अधिकतम करना है।
केन्द्रबिंदु: दीर्घकालिक (Long Term) मूल्य वृद्धि।
मापदंड: शेयरधारकों की संपत्ति में वृद्धि, यानी शेयर का बाज़ार मूल्य (Market Price of Shares)।
उद्देश्य (Objectives)
1. दीर्घकालीन विकास
2. निवेश पर उचित प्रतिफल (Return)
3. समय मूल्य और जोखिम को ध्यान में रखकर निर्णय लेना
लाभ (Advantages)
1. समय मूल्य (Time Value of Money) को ध्यान में रखता है ।
2. जोखिम और अनिश्चितता का विश्लेषण करता है।
3. शेयरधारकों की संपत्ति बढ़ाकर उन्हें दीर्घकालीन लाभ देता है।
4. सामाजिक उत्तरदायित्व, ग्राहकों और कर्मचारियों के हित को भी महत्व देता है।
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