वित्तीय प्रबंधन किसे कहते हैं ? (What is Financial Management ?)

वित्तीय प्रबंधन किसे कहते हैं ? 
(What is Financial Management ?)

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What is Financial Management 

वित्तीय प्रबंधन का अर्थ (Meaning of Financial Management)


वित्तीय प्रबंधन का तात्पर्य उस प्रक्रिया से है जिसमें किसी संस्था, कंपनी या संगठन की वित्तीय गतिविधियों की योजना बनाना, उनको नियंत्रित करना, निर्देशन देना और उनका नियमन करना शामिल होता है। इसमें पूंजी प्राप्त करना, उसका उचित तरीके से निवेश करना और उस पर अधिकतम लाभ प्राप्त करना मुख्य उद्देश्य होता है।

संक्षेप में कहें तो —

"वित्तीय प्रबंधन वह प्रक्रिया है जिसके अंतर्गत किसी संगठन की वित्तीय आवश्यकताओं की योजना बनाई जाती है और उसे इस प्रकार प्रबंधित किया जाता है जिससे लाभ और संपत्ति का अधिकतम उपयोग सुनिश्चित हो सके।"



विद्वानों द्वारा दी गई परिभाषाएँ (Definitions by Scholars)


1. Joshep & Massie के अनुसार:

“वित्तीय प्रबंधन का तात्पर्य एक व्यवसाय में आवश्यक वित्त की व्यवस्था करना, उसका कुशलतापूर्वक उपयोग करना और पूंजी की लागत को न्यूनतम बनाना है।”


2. Howard & Upton के अनुसार:

“वित्तीय प्रबंधन वह प्रशासनिक क्षेत्र है जो व्यवसाय के वित्त की योजना, नियंत्रण और निर्णय प्रक्रिया से संबंधित है।”


3. Ezra Solomon के अनुसार:

“वित्तीय प्रबंधन का उद्देश्य पूंजी की उपलब्धता, उसका अधिकतम उपयोग और लाभ की दृष्टि से वित्तीय निर्णय लेना है।”

4. Weston & Brigham के अनुसार:

“वित्तीय प्रबंधन का उद्देश्य ऐसे वित्तीय निर्णय लेना है जिससे कंपनी के शेयरधारकों की संपत्ति में वृद्धि हो।”


वित्तीय प्रबंधन की विशेषताएँ (Characteristics or Features of Financial Management)


1. धन का कुशल प्रबंधन

यह सुनिश्चित करता है कि संगठन के पास आवश्यक धन उपलब्ध हो और उसका सही दिशा में उपयोग हो


2. निर्णय प्रक्रिया में सहायक

वित्तीय प्रबंधन व्यवसाय से संबंधित महत्वपूर्ण निर्णयों जैसे निवेश, लाभांश वितरण, पूंजी संरचना आदि में सहायता करता है।

3. लाभ की अधिकतमता

इसका उद्देश्य उपलब्ध संसाधनों के माध्यम से अधिकतम लाभ प्राप्त करना होता है।

4. जोखिम प्रबंधन

वित्तीय प्रबंधन संगठन को बाजार के जोखिमों से बचाने में मदद करता है और उचित रणनीति बनाता है।

5. नियोजन और नियंत्रण

यह व्यवसाय की भविष्य की योजनाओं को बनाता है और वित्तीय गतिविधियों पर नियंत्रण रखता है।

6. लिक्विडिटी बनाए रखना

यह सुनिश्चित करता है कि कंपनी की नकद स्थिति ऐसी हो कि वह अपने अल्पकालिक दायित्वों को पूरा कर सके।

7. निवेशक संबंधों का प्रबंधन

यह निवेशकों के साथ विश्वासपूर्ण संबंध बनाए रखने में मदद करता है और समय पर लाभांश वितरण सुनिश्चित करता है।

8. दीर्घकालिक और अल्पकालिक निर्णय

यह दीर्घकालिक (जैसे – पूंजी निवेश) और अल्पकालिक (जैसे – नकद प्रवाह) दोनों प्रकार के निर्णयों में सहयोग करता है।

निष्कर्ष (Conclusion)

वित्तीय प्रबंधन आधुनिक व्यापार जगत में एक केंद्रीय भूमिका निभाता है। इसके माध्यम से न केवल संसाधनों का सही उपयोग होता है, बल्कि भविष्य की अनिश्चितताओं से भी रक्षा मिलती है। एक कुशल वित्तीय प्रबंधक वह होता है जो संस्था की वित्तीय आवश्यकताओं को समझकर उपयुक्त निर्णय ले और संस्था को दीर्घकालिक सफलता की ओर ले जाए।

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