विज्ञापन की प्रभावशीलता का मूल्यांकन
(Evaluation of Effectiveness of Advertising in Hindi)
(Evaluation of Effectiveness of Advertising
हर कंपनी चाहती है कि उसके द्वारा उत्पादित वस्तुओं की बिक्री बाजार में अत्यधिक हो । इसके लिए लगभग सभी कंपनियां विज्ञापन का सहारा लेती हैं । जब कोई भी कंपनी विज्ञापन करवाती है तो उसका ये उद्देश्य होता है कि उसके द्वारा प्रसारित विज्ञापन अत्यधिक लोगों तक पहुंचे और प्रभावशाली हो । अब कोई भी कंपनी विज्ञापन की प्रभावशीलता का मूल्यांकन कैसे करे इसके लिए वह निम्न दो तरीकों को अपनाती है :-
1. विक्रय अनुसंधान
2. संचार अनुसंधान
1. विक्रय अनुसंधान (Sales Research) :- विज्ञापन की प्रभावशीलता को मापने का एक ढंग विक्रय का अनुसंधान करना होता है । यदि कंपनी के द्वारा उत्पादित किसी वस्तु की बिक्री बढ़ती है तो यह कहा जा सकता है कि यह बिक्री का बढ़ना विज्ञापन के प्रभाव के कारण ही है । लेकिन ऐसा तभी संभव हो पाता है जब विज्ञापन के अतिरिक्त अन्य सभी चल (Variables) स्थिर हों और विज्ञापन के तुरंत बाद तेजी से बिक्री में वृद्धि हो ।
2. संचार अनुसंधान (Communication Research) :- कंपनी संचार के माध्यमों से भी विज्ञापन की प्रभावशीलता का मूल्यांकन कर सकती है । किसी विज्ञापन कार्यक्रम की प्रभावशीलता दो प्रकार से मापी जा सकती है - एक तो विज्ञापन प्रति को विज्ञापन माध्यम को भेजने से पूर्व मापना कि क्या वह विज्ञापन प्रभावकारी होगा ? इसको पूर्व - परीक्षण (Pre - testing) कहते हैं । दूसरा , जब विज्ञापन जनता तक पहुंच जाता है तब उसकी प्रभावशीलता का मूल्यांकन किया जाता है । इसको विज्ञापन के बाद परीक्षण (Post - Testing) कहा जाता है ।
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