विक्रय संवर्द्धन या विक्रय प्रवर्तन किसे कहते हैं ? (Sales Promotions in Hindi)

विक्रय संवर्द्धन या विक्रय प्रवर्तन किसे कहते हैं ? 
(Sales Promotions in Hindi)

(Sales Promotions in Hindi)

विक्रय संवर्द्धन का अर्थ (Meaning of Sales Promotion)


विक्रय संवर्द्धन से आशय उन समस्त क्रियाओं से है जिसके माध्यम की किसी संस्था या कंपनी को उसके विक्रय को बढ़ाने में मदद मिलती है । इन क्रियाओं में व्यक्तिगत विक्रय, उत्पादों में नवीनता लाना, विभिन्न प्रतियोगिताएं, विपणन प्रणालियों में सुधार, विशिष्ट योजनाएं आदि शामिल हैं ।
अन्य शब्दों में :- विक्रय संवर्द्धन से आशय ऐसी किसी भी युक्ति से है जो विक्रय वृद्धि में सहायक होती है ।

विक्रय संवर्द्धन की परिभाषा (Definition of Sales Promotion)


1. एच. आर. डिलेंस के अनुसार :- विक्रय संवर्द्धन से आशय विक्रय वृद्धि के लिए किए गए विभिन्न कार्यों से है । इस शब्द से आशय विक्रय प्रयत्नों से है जो व्यक्तिगत विक्रय एवं विज्ञापन के पूरक हैं और जिनके समन्वय से ये उनको अधिकाधिक प्रभावशाली बनाने में सहायक होते हैं ।

2. हैरोल्ड व्हाइटहेड के अनुसार :- विक्रय संवर्द्धन से तात्पर्य वास्तविक एवं संभावित थोक विक्रेता, फुटकर व्यापारी, उपभोक्ताओं तथा यहां तक कि स्वयं फर्म के विक्रेताओं में सूचनाओं के प्रसारण से है ।

विक्रय संवर्द्धन की विशेषताएं (Characteristics of Sales Promotion)


1. विज्ञापन, व्यक्तिगत विक्रय तथा प्रचार को विक्रय संवर्द्धन में शामिल नहीं किया जाता है ।
2. विक्रय संवर्द्धन की क्रियाएं व्यापार की दैनिक क्रियाएं नहीं होती हैं ।
3. विक्रय संवर्द्धन में उन समस्त क्रियाओं को शामिल किया जाता है जो विज्ञापन एवं व्यक्तिगत विक्रय को सहायता पहुंचाने एवं उसे प्रभावी बनाने के उद्देश्य से की जाती हैं ।
4. विक्रय संवर्द्धन की क्रियाएं उपभोक्ताओं को क्रय करने के लिए प्रेरित करती हैं ।
5. विक्रय संवर्द्धन की क्रियाएं विक्रेता को माल का अधिकाधिक विक्रय करने के लिए प्रेरित करती हैं । 

 विक्रय संवर्द्धन के उद्देश्य (Objectives of Sales Promotion)


1. नए उत्पाद को बाजार में प्रवेश करने में सहायता पहुंचाना ।
2. नए उपभोक्ताओं को माल क्रय करने के लिए आकृष्ट करना ।
3. वर्तनाम उपभोक्ताओं को सदैव के लिए स्थायी ग्राहक बनाना तथा उन्हें अधिक मात्रा में माल क्रय करने के लिए प्रेरित करना ।
4. बाजार अनुसंधान करना ।
5. विक्रय एवं विज्ञापन के मध्य समन्वय स्थापित करना ।


© ASHISH COMMERCE CLASSES
THANK YOU.


Post a Comment

0 Comments

Close Menu