बिना प्रतिफल के प्राप्त संपत्तियों के विक्रय पर पूंजी लाभ
(Capital gain on sale of Asset acquired without consideration)
करदाता (उपहार) द्वारा ऐसी संपत्तियों के बेचने पर पूंजी लाभ की गणना करते समय उस वर्ष की सूचकांक लागत से भाग दिया जाएगा जिस वर्ष संपत्ति को उपहरकर्ता (Donor) या पूर्व स्वामी (Pre-owner) ने प्राप्त या क्रय किया है, न कि उस वर्ष के सूचकांक लागत का जिस वर्ष उसे उपहारगृहीता ने प्राप्त किया है क्योंकि उपहारगृहीता के लिए पूर्व स्वामी उपहरकर्ता है ।
स्पष्टीकरण:-
1. यदि किसी कारणवश संपत्ति के भूतपूर्व या पूर्व स्वामी की संपत्ति को प्राप्त करने की लागत का पता नहीं लगता है तो पूर्व स्वामी द्वारा संपत्ति प्राप्त करने की तिथि से संपत्ति का जो भी उचित बाजार मूल्य (Fair Market Value) होता है वही उस संपत्ति को प्राप्त करने की लागत मानी जाएगी ।
2. जब पूर्व स्वामी की संपत्ति की प्राप्ति की लागत ली जाती है तो दीर्घकालीन या अल्पकालीन पूंजी लाभ के लिए अवधि की गणना पूर्व स्वामी द्वारा संपत्ति प्राप्त करने की तिथि से की जाएगी । भले ही करदाता ने उसे अपने पास 3 वर्ष से कम क्यों न रखा हो ।
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