कम्पनी के द्वारा अंशों का स्वयं हरण किसे कहते हैं ? Buy Back of Share in Hindi

कम्पनी के द्वारा अंशों का स्वयं हरण किसे कहते हैं ?
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Buy Back of Share in Hindi

कम्पनी के द्वारा अंशों का स्वयं हरण :- Buy Back of Share in Hindi


कम्पनी के द्वारा अंशों के स्वयं क्रय करने से तात्पर्य पुनर्धिग्रहण से है । इसके द्वारा कंपनी निवेशकर्ताओं के द्वारा कंपनी में निवेश की गई धनराशि को उन्हें वापस करती है ।

कम्पनी अधिनियम की धारा 68 से लेकर धारा 70 तक अंशों के स्वयं क्रय करने का वर्णन है ।

कम्पनी की स्वयं के अंशों को क्रय करने की शक्तियां :- Sec 68


1. स्वयं के अंशों को क्रय करने के स्रोत :-
    • मुक्त संचय कोष 
    • सुरक्षा प्रीमियम खाता
    • अन्य किसी प्रतिभूतियों के विक्रय से एकत्रित धनराशि 

2. स्वयं के अंशों को क्रय करने की शर्तें :-
   • पार्षद अंतर्नियम से अनुमति ।
   • सामान्य सभा में विशेष प्रस्ताव पास करने की अनुमति 
   • प्रदत्त पूंजी और मुक्त संचय कोष का 25% या उससे कम अंशों का क्रय ।
( किसी भी वित्तीय वर्ष में 25% से अधिक क्रय नही करना है )
  • अंशों के स्वयं क्रय करने के बाद कंपनी का कुल कर्ज़ कम्पनी के कुल प्रदत्त पूंजी और उसके संचय कोष के दोगुने  से अधिक नहीं होना चाहिए ।
  • कंपनी के द्वारा स्वयं के अंशों को क्रय करने से पूर्व सभी अंश पूरी तरह से भुगतान किए जाने चाहिए ।
  • सेबी के दिशा निर्देशों के अनुसार कंपनी के द्वारा स्वयं क्रय किए जाने वाले अंश किसी न किसी प्रतिष्ठित शेयर बाजार में पंजीकृत होने चाहिए ।

3. स्वयं के अंशों को क्रय करने की प्रक्रिया :- विशेष प्रस्ताव पास करने के लिए सभा होने की दशा में भेजे जाने वाले व्याख्यात्मक विवरण में निम्न बातें होनी चाहिए ।

• सभी तथ्यों का सम्पूर्ण प्रकटीकरण। 
• अंशों की स्वयं क्रय करने के लिए पूंजी की आवश्यकता ।
• जिस वर्ग या समूह के अंश को क्रय की प्रक्रिया के दौरान खरीदा जा रहा है उसका विवरण 
• कम्पनी के द्वारा अंशों को क्रय करने के लिए विनिवेशित धनराशि का वर्णन ।
• अंशों के क्रय की समय - सीमा का वर्णन ।

4. अंशों को स्वयं क्रय करने की समय सीमा :- कम्पनी अधिनियम की धारा 68(4) के अनुसार कंपनी की साधारण सभा में विशेष प्रस्ताव पास होने के बाद कंपनी को प्रस्ताव पास होने की तिथि से 12 महीनों के अंदर अपने अंशों को क्रय कर लेना चाहिए ।

5. किन प्रतिभूतियों का क्रय होगा :-
    • अंशधारियों के पास उपलब्ध अंशों को अनुपातिक आधार पर ।
    • खुले बाजार से ।
    • कम्पनी के द्वारा अपने कर्मचारियों को जारी करने स्टॉक विकल्प या स्वेट समता अंशों को 

6. शोधन क्षमता की घोषणा :-

7. प्रतिभूतियों का विनाश :- क्रय प्रक्रिया के पूरा होने की तिथि के 8 दिन के भीतर भौतिक तौर पर प्रतिभूतियों को नष्ट कर दिया जाता है ।

8. पेनाल्टी :- धारा 68 (11) के अनुसार जुर्माना
  • कम्पनी पर :- कम से कम 1 लाख अधिकतम 3 लाख तक बढ़ाया जा सकता है ।
  • पदाधिकारी पर :- 1 लाख से कम नहीं लेकिन 3 लाख तक बढ़ाया जा सकता है ।

कुछ धनराशियों का पूंजी शोधन संचय खाते में हस्तांतरण :-


• हस्तांतरित धनराशि :- धारा 69(1) के अनुसार जब कंपनी स्वयं के अंशों को मुक्त संचय कोष या सुरक्षा प्रीमियम खाता कोष से खरीदती है तो खरीदे गए अंशों के अंकित मूल्य के बराबर धनराशि पूंजी संचय खाते को हस्तांतरित कर दी जाएगी तथा ऐसे अंतरण के विवरणों को आर्थिक चिट्ठे या स्थिति विवरणों में प्रस्तुत किया जाएगा ।
• पूंजी शोधन संचय खाते का उपयोग :- कम्पनी पूंजी शोधन संचय खाते की धनराशि को अनिर्गामित अंशों के भुगतान में इस्तेमाल करती है और अपने सदस्यों को पूर्णतः भुगतान किए गए बोनस अंशों के रूप में जारी करती है ।
• अंशों के क्रय पर निषेध की परिस्थितियां :- कंपनी अधिनियम की धारा 70 के अनुसार कंपनी के द्वारा स्वयं के अंशों को क्रय करने हेतु निम्न निषेध परिस्थितियां हो सकती हैं ।
1. प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से कोई भी कंपनी अपने अंशों या निर्दिष्ट अन्य प्रतिभूतियों का क्रय नही कर पाएगी ।
  • किसी भी सहायक कम्पनी के माध्यम से जिसमें उसकी स्वयं की सहायक कम्पनी शामिल है , उनके माध्यम से ....
  • किसी निवेश कंपनी या किन्हीं निवेश करने वाली कंपनियों के समूह के माध्यम से 
  • यदि कंपनी के द्वारा निम्न कार्यों में गलती हो जाती है तो ..
१. जमा की वापसी में दे ब्याज को लौटाने में ।
२. ऋण पत्रों या पूर्वाधिकार अंशों के विमोचन में ।
३. किसी अंशधारी के लाभांस के भुगतान में ।
४. किसी वित्तीय संस्था या बैंक या किसी सावधि ऋण या उस पर देय ब्याज को चुकाने में भूल ।

गलती सुधार ली गई और 3 साल का समय बीत गया है, तब क्रय पर रोक नहीं है ।

2. प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से कोई भी कंपनी अपने अंशों को स्वयं क्रय नहीं कर सकती यदि निम्न प्रावधानों को ध्यान में नही रखा है ....
• वार्षिक रिपोर्ट 
• लाभांस के भुगतान का प्रकटीकरण
• लाभांश के वितरण में चूक का दंड
•  वित्तीय विवरण 


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