बैंको का महत्व
Importance of Bank in Hindi
Importance of Bank in Hindi : बैंको का महत्व |
बैंको का महत्व :- Importance of Bank
बैंक देश की अर्थव्यवस्था के आधार होते हैं । बैंकिंग व्यवस्था का सुदृढ़ होना एक सफल देश तथा सफल अर्थव्यवस्था का परिचायक है । बैंकों का आधुनिक समाज में हर नागरिक के जीवन में अपना एक महत्वपूर्ण स्थान है ।
बैंक जहाँ प्रभावी मौद्रिक नीतियों से सकल घरेलू उत्पाद में वृद्धि करने के साथ-साथ मुद्रा स्फीति को नियंत्रित करती हैं, वहीं छोटे-छोटे उद्योगपतियों, कृषकों और कंपनियों आदि को ऋण उपलब्ध कराती हैं । जिससे देश की अर्थव्यवस्था असीम उचाईयों को छू सके ।
बैंक अपने प्रगतिशील कार्यों के कारण निम्न प्रकार से महत्वपूर्ण हैं ।
1. बचत की आदत का विकास करना :- Develop the habit of Savings
2. पूँजी निर्माण :- Capital Formation
3. साख-निर्माण करना :- Credit Creation
4. व्यवसाय को बढ़ावा देना :- Promotion of Business
5. मौद्रिक-नीति में लोच बनाए रखना :- Maintain Liquidity in Monetary Policy
6. ग्राहकों को वित्तीय सलाह देना :- Financial Assistance to Customer
7. जीवनस्तर सुधारनें में सहायक :- Help in Improvement of quality of life
• अब विस्तार रूप से .... Now in Details...
1. बचत की आदत का विकास करना (Develop the habit of saving) :- जनता से जमा स्वीकार करना बैंकों के प्रमुख कार्यों में शामिल है । बैंक जनता से प्राप्त धन से लाभ कमातें है और जमा धन में एक निश्चित दर से ब्याज भी देते हैं । आवश्यकता पड़ने पर बैंक ऋण भी उपलब्ध करते हैं । जिस कारण सभी लोग अपना धन बैंक में जमा करने के लिए आकर्षित होते हैं और बचत की भावना का विकास होता है । जो राष्ट्र निर्माण में सहायक है ।
2. पूँजी निर्माण ( Capital Formation) :- सभी लोग अपने द्वारा कमाए जाने वाले धन को बचत की आशा से बैंको में विभिन्न प्रकार के खातों की सहायता से जमा करते हैं । जो एक निश्चित समयान्तराल पर एक कोष के रूप में एकत्रित हो जाता है और उसी कोष को पूंजी के रूप में अपनी जरूरतों के हिसाब से उपयोग में लाया जाता है । अतः बैंक पूँजी निर्माण का कार्य करते हैं ।
उदाहरण :- उदाहरण के रूप में ये समझा जा सकता है, कि कोई व्यक्ति है, जिसकी मासिक बचत 20,000 है और वह उस बचत को हर महीने आवर्ती जमा खाते में जमा करता है । यदि 3 साल तक वह लगातार 20,000 जमा करता है, तो 3 साल के बाद उसके पास 7,20,000 हो जायेंगे । फिर वह इस एकत्रित कोष को पूंजी के रूप में कहीं निवेश कर सकता है ।
3. साख-निर्माण करना (Credit Creation) :- बैंक मुख्य रूप से जनता से जमा स्वीकार करती हैं तथा ऋण देती हैं । बार - बार इस प्रक्रिया के फलस्वरुप जनता में बैंको का विश्वास बन जाता है और यही विश्वास साख कहलाता है । इसीलिए कहा भी जाता है कि " बैंक साख का व्यवसायी है । "
4. व्यवसाय को बढ़ावा देना (Promotion of Business):- जब कोई उद्यमी व्यवसाय शुरू करना चाहता है तो उसे धन की आवश्यकता होती है । उद्यमी प्रारंभिक पूँजी इकठ्ठा करने हेतु कई प्रकार के तरीके अपनाता है, जिसमे एक तरीका यह भी है कि वह बैंको से निश्चित व्याज-दर पर ऋणधन लेता है । इस प्रकार एक व्यवसाय के लिए पूंजी इकठ्ठा की जाती है, जिसमें बैंको का महत्वपूर्ण योगदान है । बैंक समय-समय पर व्यापारियों की आवश्यकतानुसार व्यवसाय को बढाने के लिए भी ऋण देती हैं । अतः बैंक व्यवसाय को बढ़ावा देने में सहायक हैं |
5. मौद्रिक-नीति में लोच बनाए रखना (Maintain Liquidity in Monetary Policy) :- सभी बैंक, केंद्रीय बैंक तथा बैंकिंग नियमन अधिनियम के अधीन हैं तथा समय-समय पर संसोधित नियमों तथा निर्देशों का पालन करती हैं । केंद्रीय बैंक नोट छापने का कार्य करती है । जब कभी बैंको को लगता है कि जनता के पास ज्यादा धन नकद के रूप में संचित है और मुद्रा स्फीति जैसा संकट आ सकता है, तो केंद्रीय बैंक के निर्देशों पर विभिन्न प्रकार के साख-पत्र जारी किए जाते हैं और जनता के पास एकत्रित धन को बैंक में जमा कर लिया जाता है । इसके विपरीत बैंक फिर से अपनी आवश्यकतानुसार साखपत्रों को खरीद लेती हैं । इस प्रकार बैंकों के द्वारा मौद्रिक नीति में लोच लाया जाता है ।
6. ग्राहकों को वित्तीय सलाह देना (Financial Assistance to Customer):- आधुनिक समय में व्यवसाय को सही रूप से चलाने हेतु पूंजी के साथ-साथ कैपिटल बजटिंग भी अति आवश्यक है इसके बिना कोई भी व्यवसाय अधिक समय तक बाजार में स्थिर नहीं रह सकता । इसी समस्या के समाधान हेतु विकास तथा विनियोग बैंक अस्तित्व में आए । ये बैंक विशेष रूप से वित्तीय सलाह देती हैं, जिससे व्यवसाय तथा देश आर्थिक विकास होता है ।
7. जीवनस्तर सुधारनें में सहायक (Helps in Improvement of quality of life):- बैंक सामान्य बैंकिंग कार्यों के साथ-साथ नए शाखाओं को भी खोलती हैं जिससे रोजगार सृजन होता है । इसके साथ ही ऋण माफ़ी से गरीब कृषको के जीवन स्तर में सुधार होता है । बैंक, सरकार के निर्देशानुसार युवाओं को शिक्षा ऋण उपलब्ध कराती हैं, जिससे उनके साथ-साथ राष्ट्र के विकास को बढ़ावा मिलता है ।
निष्कर्ष :-आधुनिक परिवेश में बैंक देश की अर्थव्यवस्था का एक अभिन्न अंग हैं, जो सभी प्रकार के वित्तीय कार्यों को संतुलित तथा नियंत्रित करने का काम करती हैं । भारत में भारतीय रिज़र्व बैंक केंद्रीय बैंक है, जो सभी प्रकार के बैंको को नियंत्रित तथा संचालित करने का काम करती है । भारत में स्टेट बैंक ऑफ़ इंडिया सार्वजानिक क्षेत्र का सबसे बड़ा बैंक है । पंजाब नेशनल बैंक, सेंट्रल बैंक, एक्सिस बैंक, नाबार्ड, आयात-निर्यात बैंक आदि भारत के विकास में अपना महत्वपूर्ण योगदान देती हैं ।
© ASHISH COMMERCE CLASSES
THANK YOU.
0 Comments
Please do not enter any spam link in the comment box.
Thank you !