कैपिटल बजटिंग का परिचय :- Introduction of Capital Budgeting in Hindi
कैपिटल बजटिंग जिसको हम हिंदी में पूँजी आयव्ययक के नाम से भी जानते हैं |
"कैपिटल बजटिंग का तात्पर्य उस नियोजित प्रक्रिया से है, जो यह निर्धारित करता है कि दीर्घकाल के लिए किसी भी प्रोजेक्ट में पूँजी को किस प्रकार से निवेश करें कि जो भविष्य में हमें बढ़िया लाभ पहुँचाए |"
इस प्रक्रिया में प्रोजेक्ट (परियोजना) विभिन्न क्षेत्रों में अलग-अलग तरीके से तैयार किया जाता है |
- नए प्लांट स्थापित करना,
- नयी मशीनें खरीदना,
- कारखानें के मशीनों को प्रतिस्थापित करना,
- नए उत्पाद विकसित करनें हेतु अनुसंधान एवं विकास करना और साथ ही साथ ये भी देखना कि जिस परियोजना में हम निवेश करने जा रहे है, वो हमारे लायक है या नहीं |
कैपिटल बजटिंग में परियोजना का निर्धारण :- Project Determination in Capital Budgeting
1. प्रोजेक्ट (परियोजना) की पहचान करना :- किसी भी परियोजना में निवेश करनें से पहले अपने व्यवसाय की आवश्यकता अनुसार परियोजना का निर्धारण करना अति आवश्यक है, अगर हम ऐसा नहीं करते हैं तो हम अपने निर्धारित रणनीतियों को पूरा नहीं कर पाएंगे |
2. प्रोजेक्ट ( परियोजना) का आकलन करना :- प्रत्येक परियोना के निर्धारण से पहले उस परियोजना का समुचित आकलन एवं मूल्यांकन करना किसी भी व्यवसाय के लिए बहुत जरुरी है कि कर देने के बाद व्यवसाय में कितना नकद - प्रवाह (cash flow) शेष बचता है |
3. प्रोजेक्ट(परियोजना) का चयन:- किसी भी कंपनी को उस परियोजना का चयन करना चाहिए जो निवेशकों को अत्यधिक लाभ पहुँचाए |
कैपिटल बजटिंग का उद्देश्य :- Objectives of Capital Budgeting
पूंजी निवेश का मूल्यांकन करना किसी भी कंपनी के लिए बहुत की निर्णायक एवं महत्वपूर्ण कार्य है |
उद्देश्य निम्न हैं :-
पर्याप्त पूँजी का व्यय :- निवेश प्रबंधन व्यवसाय के दीर्घकालीन उद्देश्यों की पूर्ति करने किये जाते हैं | किसी भी परियोजना में निवेश करने हेतु पर्याप्त पूंजी की आवश्यकता होती है | पूँजी-निवेश निर्णय करते समय पूंजी का आकार और पूंजी के नकद प्रवाह का समयान्तराल भी देखा जाता है उसके बाद ही पूंजी निवेशित की जाती है |
अगर कोई कंपनी बड़ी मात्रा में पूंजी निवेश करना चाहती है तो उसे भली प्रकार अध्ययन एवं निर्णयन की आवश्यकता होती है |
दीर्घकालीन :- पूँजी निर्णयन / कैपिटल बजटिंग हमेशा दीर्घकालीन होता है | इस प्रकार का निर्णय व्यवसाय के भावी लाभ तथा लगत पर प्रभाव डालने के साथ - साथ व्यवसाय के अग्रिम वृद्धि के लिए भी लाभकारी होता है |
अपरिवर्तनीय :- पूंजीव्ययक ( कैपिटल बजटिंग ) निर्णयन इस कारण अपरिवर्तनीय माना जाता है क्योकि अगर एक बार पूंजी निवेश कर दिया जाए तो उसे पुनः वापस नहीं लिया सकता या तो आर्थिक रूप से बहुत कठिन हो जाता है | इसके अपरिवर्तनीय होने के कारणों में अनुबंध, पूँजी का अग्रिम भुगतान तथा कुछ तकनीकी कारण भी हो सकतें हैं |
जटिल निर्णय :- कैपिटल बजटिंग निर्णयन पूर्णतः भविष्य पर निर्भर है और भविष्य में होने वाले आय-व्यय के बारे में भविष्यवाणी करना असम्भव है | अतः पूंजी निर्णयन व्ययक बहुत ही जटिल प्रक्रिया है |
नोट :- कैपिटल बजटिंग का यह लेख कैपिटल बजटिंग की सामान्य जानकरी उपलब्ध कराता है | आने वाले समय में हम और भी लेख इस विषय पर लिखेंगे, जो आपको इसी ब्लॉग पर मिलेगा |
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