आर्थिक पर्यावरण क्या है ?
(Economic Environment)
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(Economic Environment) |
आर्थिक पर्यावरण का अर्थ (Meaning of Economic environment)
आर्थिक पर्यावरण से आशय व्यवसाय की उन सभी बाहरी स्थितियों से है जो व्यवसाय को आर्थिक रूप से प्रभावित करती हैं ।
प्रत्येक अर्थव्यवस्था में उत्पादन, उपभोग, विनिमय, निवेश तथा वितरण प्रक्रियाएं चलती हैं जिन्हें अर्थव्यवस्था की जीवंत प्रक्रियाएं या अनिवार्यताएं कहा जाता है । इन्हीं जीवंत प्रक्रियाओं के परिणामस्वरूप संस्थाओं का निर्माण होता है ।
उत्पादन के लिए खेत, कारखाने , कार्यालय, विनिमय के लिए दुकानें, सहकारी भंडार, वितरक, एजेंट, सेल्समैन, मंडी, बाजार , निवेश के लिए बैंकिंग तथा वित्तीय संस्थाएं आवश्यक होती हैं । साथ ही साथ कानून, नियमों, प्रथाओं, प्रबंध के तरीकों और सामाजिक आर्थिक संबंध, जैसे - भूस्वामी तथा काश्तकार, पूंजीपति एवं श्रमिक, उत्पादक एवं उपभोक्ता, नियोक्ता और कार्मिक इत्यादि को समग्र रूप से संस्थाएं कहा जाता है । इन्हीं सब संस्थाओं से मिलकर आर्थिक ढांचा एवं आर्थिक पर्यावरण का निर्माण होता है ।
आर्थिक पर्यावरण को प्रभावित करने वाले प्रमुख संघटक (Factors Affecting Economic Environment of Business)
1. आर्थिक विकास का स्तर या अवस्था (Stage of Economic Development)
2. आर्थिक नीतियां (Economic Policies)
3. आर्थिक प्रणाली (Economic System)
1. आर्थिक विकास का स्तर या अवस्था (Stage of Economic Development) :- आर्थिक विकास के स्तर या अवस्था से आशय किसी भी देश की आधारभूत संरचना, आर्थिक स्थिति, तकनीक एवं लोगों के रहन सहन तथा जीवन स्तर में विकास की श्रेणियों या अवस्थाओं से है । जिससे यह पता चल जाता है कि देश विकास का स्तर क्या है, देश विकास कर रहा है या नहीं ?
विकास स्तर के आधार पर ही सम्पूर्ण विश्व की अर्थव्यवस्था को विकसित तथा विकासशील अर्थव्यवस्था में बांटा गया है । अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया, फ्रांस, इटली, कनाडा, जर्मनी, ब्रिटेन तथा जापान आदि देशों की अर्थव्यवस्था विकसित मानी जाती है तथा एशियाई, अफ्रीकी, एवं लेटिन अमेरिकी देशों की अर्थव्यवस्था विकासशील मानी जाती है ।
2. आर्थिक नीतियां (Economic Policies) :- आर्थिक नीतियों से आशय सरकार की उन नीतियों से है जो किसी देश की समस्त आर्थिक गतिविधियों के निर्देशन, नियंत्रण तथा नियमन से संबंधित होती हैं । आर्थिक नीतियों की सहायता से ही देश के विकास स्तर को बढ़ावा मिलता है तथा आर्थिक स्थिति सुदृढ़ होती है । भारत के संदर्भ में आर्थिक नीतियों की बात से जाए तो उसके अंतर्गत निम्न प्रकार की आर्थिक नीतियों को समझना जरूरी हो जाता है :-
• औद्योगिक नीति (Industrial Policy)
• राजकोषीय या बजट नीति (Fiscal of Budget Policy)
• मौद्रिक नीति (Monetary Policy)
• व्यापार नीति (Trade Policy)
3. आर्थिक प्रणाली (Economic System) :- आर्थिक प्रणाली से आशय उस आर्थिक व्यवस्था से है जिसके तहत कोई भी समाज अपने संसाधनों, उत्पादन, वितरण और साथ ही साथ वस्तुओं एवं सेवाओं की खपत को व्यवस्थित तथा प्रतिबंधित करता है । किसी भी देश की आर्थिक प्रणाली निम्न प्रकार की हो सकती है :-
• पूंजीवादी अर्थव्यवस्था (Capitalist Economy)
• साम्यवादी या समाजवादी अर्थव्यवस्था (Communist or Socialist Economy)
• मिश्रित अर्थव्यवस्था (Mixed Economy)
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