व्यापारिक या व्यवसायिक बैंक क्या हैं ?
What is Commercial Bank in Hindi ?
व्यापारिक बैंकों का परिचय (Introduction of Commercial Bank)
व्यापारिक बैंको से तात्पर्य उन बैंकों से है जो विशेष रूप से व्यापारियों, उद्यमियों तथा कंपनियों को ऋण के रूप में कार्यशील पूँजी अल्पकाल के लिए उपलब्ध कराती हैं । ये बैंक बैंकिंग नियमन अधिनियम 1949 के द्वारा संचालित की जाती हैं । व्यापारिक बैंक लगभग सभी तरह के बैंकिंग कार्य करती हैं । जिनमें जमा स्वीकार करना, ऋण देना, वित्तीय सलाह देना, विनियोग सम्बन्धी सेवा आदि कार्य सम्मिलित हैं ।
भारतीय स्टेट बैंक सार्वजनिक क्षेत्र का सबसे बड़ा बैंक है, जिसकी स्थापना एक विशेष अधिनियम के साथ हुई है । भारत के अर्थव्यवस्था के निरंतर विकास में भारतीय स्टेट बैंक अपना अहम स्थान है ।
कुछ व्यापारिक बैंक इस प्रकार हैं ....
1. भारतीय स्टेट बैंक STATE BANK OF INDIA
2. एक्सिस बैंक AXIS BANK
3. पंजाब नेशनल बैंक PUNJAB NATIONAL BANK
4. केनरा बैंक CANARA BANK
5. कॉर्पोरेशन बैंक CORPORATION BANK
6. ओरिएण्टल बैंक ऑफ़ कॉमर्स ORIENTAL BANK OF COMMERCE
व्यापारिक या व्यवसायिक बैंकों के प्रकार (Types of Commercial Bank)
रिज़र्व बैंक अधिनियम 1934 के अनुसार व्यापारिक बैंकों को दो प्रमुख भागों में बाँटा गया है |
(I) अनुसूचित बैंक - Scheduled bank
(II) गैर-अनुसूचित बैंक - Non-Scheduled Bank
(I) अनुसूचित बैंक - Scheduled Bank :- अनुसूचित बैंक वे बैंक हैं जो रिज़र्व बैंक अधिनियम की द्वितीय तालिका में सम्मिलित हैं । रिज़र्व बैंक की द्वितीय तालिका में शामिल कुछ अनुसूचित बैंक निम्न हैं -
1. बंधन बैंक BANDHAN BANK
2 भारतीय स्टेट बैंक STATE BANK OF INDIA
3. एक्सिस बैंक AXIS BANK
4. पंजाब नेशनल बैंक PUNJAB NATIONAL BANK
5. केनरा बैंक CANARA BANK
6. कॉर्पोरेशन बैंक CORPORATION BANK
7. ओरिएण्टल बैंक ऑफ़ कॉमर्स ORIENTAL BANK OF COMMERCE
8. आंध्रा बैंक ANDHRA BANK
9. अलाहाबाद बैंक ALAHABAD BANK
10. बैंक ऑफ़ बड़ौदा BANK OF BARODA
11. बैंक ऑफ़ इंडिया BANK OF INDIA
12. बैंक ऑफ़ महाराष्ट्र BANK OF MAHARSHTRA
13. सेंट्रल बैंक ऑफ़ इंडिया CENTRAL BANK OF INDIA
14. देना बैंक DENA BANK
15. इंडियन ओवरसीज बैंक INDIAN OVERSEASE BANK
16. पंजाब एंड सिंध बैंक PUNJAB AND SINDH BANK
17. सिंडिकेट बैंक SYNDICANT BANK
18. यूको बैंक YUKO BANK
19. विजया बैंक VIJAYA BANK
20. यूनियन बैंक ऑफ़ इंडिया UNION BANK OF INDIA
21. यूनाइटेड बैंक ऑफ़ इंडिया UNITED BANK OF INDIA
(II) गैर-अनुसूचित बैंक - Non-Scheduled bank :- गैर-अनुसूचित बैंक वे बैंक हैं जो रिज़र्व बैंक की द्वितीय तालिका में सम्मिलित नहीं हैं | ये बैंक निम्न हैं -
1.गैर-अनुसूचित राज्य सहकारी बैंक - Non-Scheduled State Co-operative Banks
2. गैर-अनुसूचित शहरी सहकारी बैंक - Non-Scheduled Urban Co-operative Banks
• गैर-अनुसूचित राज्य सहकारी बैंक - Non-Scheduled State Co-operative Banks
1. सिक्किम राज्य सहकारी बैंक लिमिटेड
2. अंडमान निकोबार राज्य सहकारी बैंक लिमिटेड
3. चंडीगढ़ राज्य सहकारी बैंक लिमिटेड
4. झारखण्ड राज्य सहकारी बैंक लिमिटेड
5. मणिपुर राज्य सहकारी बैंक लिमिटेड
6. मिजोरम शीर्षस्तरीय सहकारी बैंक लिमिटेड
7. नागालैंड राज्य सहकारी बैंक लिमिटेड
• गैर-अनुसूचित शहरी सहकारी बैंक - Non-Scheduled Urban Co-operative Banks
1. अखण्ड आनंद सहकारी बैंक लिमिटेड,अहमदाबाद
2. अल्वी सहकारी बैंक लिमिटेड, अहमदाबाद
3. अमरनाथ सहकारी बैंक लिमिटेड, अहमदाबाद
4. नगर सहकारी बैंक लिमिटेड, गोरखपुर
5. हुगली सहकारी साख बैंक लिमिटेड, कोलकाता
6. गणेश सहकारी बैंक लिमिटेड,
व्यापारिक या व्यवसायिक बैंकों के कार्य क्या हैं ? What is Functions of Commercial Banks in Hindi ?
व्यापारिक बैंक मुख्य रूप से व्यापारियों, उद्यमियों तथा कंपनियों को ऋण के रूप में कार्यशील पूँजी अल्पकाल के लिए उपलब्ध करते हैं | इसके अतिरिक्त वे साख-निर्माण, वित्तीय-सलाह देना तथा जनता में बचत की आदत को बढ़ावा देने का काम भी करते हैं | व्यापारिक बैंकों आधुनिक कार्य निम्न हैं -
• बैंकों के मुख्य कार्य :- Main Functions of Bank
• बैंकों के एजेंसी सम्बन्धी कार्य :- Agency Fuctions of Bank
• बैंकों के अन्य कार्य :- Other Functions of Bank
• बैंकों के मुख्य कार्य :- Main Functions of Bank कार्य : -
बैंकों के मुख्य कार्यों में वे सभी कार्य शामिल हैं, जो एक बैंक मुख्य रूप से करती है ।
बैंक मुख्य रूप से दो कार्य करती है :-
1. जमा स्वीकार करना :- Accepting Deposits
2. ऋण देना :- Grant Loan
1. जमा स्वीकार करना (ACCEPTING DEPOSIT):- जनता से जमा स्वीकार करना बैंको का प्रारंभिक कार्य है क्योकि यहीं से बैंकों के पास धन का आगम होता है, जिससे बैंकिंग व्यवस्था सुचारू रूप से चलता रहता है । जो धन ग्राहक जमा करता है, उस धन को बैंक अन्य किसी संस्था या व्यक्ति को ऋण के रूप में देती है और उनसे ऋण के बदले ब्याज प्राप्त करती है और प्राप्त ब्याज के आधार पर ही बैंक अपने ग्राहकों के द्वारा जमा किए गए धन पर उन्हें ब्याज देती और कुछ शर्तों में ब्याज लेती भी है ।
जमा स्वीकार करने के लिए बैंको में निम्न प्रकार के खाते खोले जाते हैं ।
• बचत खाता (SAVING ACCOUNT):- बचत खाता खोलने का अभिप्राय जनता से जमा स्वीकार करने के साथ-साथ बचत की आदत का विकास करना भी है । जिससे बैंक और ग्राहक दोनों को लाभ मिलता रहे। वर्तमान समय में बचत खाते पर ब्याज सामान्यतः 3.5% है, परन्तु कुछ बैंक इससे अधिक ब्याज भी देती हैं ।
• चालू खाता (CURRENT ACCOUNT):- चालू खाता मुख्य रूप से व्यापारी वर्ग के लिए होता है । इस खाते की यह खासियत होती है कि इस खाते में दिन-भर में कई बार लेन-देन किया जा सकता है । इस खाते में खाताधारकों को कोई ब्याज नहीं मिलता, बल्कि कुछ परिस्थितियों में ब्याज देना पड़ता है ।
• सावधि-जमा खाता (FIXED TERM DEPOSIT ACCOUNT) :- सावधि -जमा खाते में खाताधारकों के धन को एक निश्चित समय के लिए जमा किया जाता है, जिस पर खाताधारकों को पूर्वनिर्धारित दर से ब्याज दिया जाता है । इस खाते में दीर्घकाल के लिए धन जमा किया जाता है । इस खाते में एक बार धन को जमा करने के बाद खाताधारक निश्चित समय पूरा होने के बाद ही जमा किए गए धन को निकाल सकता है ।
• आवर्ती-जमा खाता (RECURRING ACCOUNT):- आवर्ती-जमा खाता, सावधि जमा कहते का ही एक रूप है, जिसमे नियमित आय वाले खाताधारकों के द्वारा एक निश्चित रकम हर महीने जमा किया जाता है । जिस धन पर एक निधचित दर से बैंक उन्हें ब्याज भी देती है । आवर्ती जमा योजनाओं की न्यूनतम अवधि 6 महीनें और अधिकतम 10 वर्ष होती है ।
2. ऋण देना (GRANT LOAN):- ऋण देना भी बैंको के मुख्य कार्यों में गिना जाता है । बैंको के द्वारा दिए गए ऋण से खाताधारक अपनी वित्तीय आवश्यकताओं की पूर्ति करते है । सभी बैंक अपने पास ऋण देने हेतु रिज़र्व बैंक के निर्देशानुसार पर्याप्त मात्रा में तरल कोष रखते हैं जिससे बैंको के दिवालिया होने का खतरा कम हो जाता है और बैंक आसानी से सभी ग्राहकों को ऋण दे सकते हैं ।
बैंकों के द्वारा निम्न प्रकार से ऋण देने का कार्य किया जाता है ...
• नकद ऋण या नकद साख ( CASH CREDIT) :- नकद ऋण एक ऐसी ऋण व्यवस्था है, जहाँ व्यापारियों , उद्योगपतियों, किसानों तथा आम जनता को बैंको के द्वारा नकद रूप में ऋण दिया जाता है । इसमें खाताधारक द्वारा सारे धन को एकसाथ नहीं निकाले जा सकते । इसके अंतर्गत खाताधारक अपनी आवश्यकता अनुसार धन निकालता है तथा निकाले गए धन पर निश्चित दर से निर्धारित समय पर ब्याज भी देता है ।
• अधिविकर्ष (OVERDRAFT) :- अधिविकर्ष एक ऐसी व्यवस्था है, जिसमें बैंको के द्वारा खाताधारकों को यह अधिकार दिया जाता है कि वे एक निश्चित सीमा तक खाते में जमा राशि से अधिक धन निकाल सकते हैं । यही व्यवस्था अधिविकर्ष कहा जाता है ।
उदाहरण :- यदि बैंक ने मेरे लिए अधिविकर्ष की सीमा 50000 निर्धारित किया है, तो जब मेरे खाते में धन नहीं होगा, उस समय भी मैं 50000 तक अपने जाते से निकाल सकूंगा । इस निकाले गए धन पर मुझे ब्याज भी देना पड़ेगा ।
• विनिमय-विपत्रों को भुनाना (DISCOUNTING OF BILLS):- बैंक नकद ऋण और अधिविकर्ष के साथ-साथ विनिमय-विपत्र के बदले अल्पकालीन ऋण भी देने का कार्य करती है । जिससे वित्तीय लेन-देन में सुगमता बनी रहती है |
• शिक्षा ऋण (EDUCATION LOAN ):- बैंको के द्वारा देश में शिक्षास्तर को प्रोत्साहित करने हेतु शिक्षा ऋण दिया जाता है । भारत में वर्तमान समय में शिक्षा ऋणों पर ब्याज दर 8.65% है ।
•आवास ऋण (HOUSING LOAN):- ऐसे खाताधारक जिनके पास अपना घर नहीं होता या फिर जो किराये के घर में निवास करते हैं , उन्हें बैंको के द्वारा आवास ऋण उपलब्ध कराई जाती है ।
• बैंकों के एजेंसी सम्बन्धी कार्य :- Agency Functions of Bank :-
बैंक जमा स्वीकार करनें तथा ऋण देने के साथ-साथ एजेंसी कार्य भी करते है |
" एजेंसी कार्य वे कार्य कहे जाते हैं, जो बैंक केवल अपने ग्राहकों के लिए करती है । "
एजेंसी कार्य निम्न हैं :-
• ग्राहकों के पक्ष से भुगतान करना
• ग्राहकों के पक्ष से भुगतान स्वीकार करना
• प्रतिभूतियों को खरीदना और बेचना
• धन हस्तांतरित करना
• अभिगोपन कार्य
• संरक्षण के रूप में कार्य करना
• वित्तीय सलाह देना
• बैंकों के अन्य कार्य :- Other Functions of Bank
• सचल सम्पत्तियों को गिरवी रखना ।
• विदेशी मुद्रा को देशी मुद्रा में बदलना ।
• साख-पत्र उपलब्ध कराना ।
• प्रशिक्षण कार्य ।
• बैंकिंग आकड़े प्रदर्शित करना ।
• दान स्वीकार करना ।
• सामाजिक कार्य करना ।
• रोजगार सृजन करना ।
निष्कर्ष :-आधुनिक परिवेश में व्यापारिक बैंक व्यापार को बढ़ावा देने के साथ-साथ कई प्रकार के विनियोग तथा वित्तीय सलाह भी देते हैं | सभी व्यापारिक बैंक भारतीय बैंकिंग नियमन अधिनियम के अंतर्गत संचालित होते हैं |
© ASHISH COMMERCE CLASSES
THANK YOU.
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